पढ़ें दिल्ली सेवा बिल पारित होने पर क्या बोले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
मो0 कुमेल
डेस्क: दिल्ली में ट्रांसफ़र-पोस्टिंग का हक़ उपराज्यपाल को देने वाला विधेयक राज्यसभा से भी पास होने के बाद आम आदमी पार्टी ने कहा है कि आगे की लड़ाई वो अदालत में लड़ेगी। बताते चले दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। राज्यसभा में पर्ची के जरिए इस बिल पर वोटिंग हुई। बिल के पक्ष में 131 वोट जबकि इसके विरोध में 102 वोट पड़े। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”दिल्ली सेवा बिल इसलिए लाया गया क्योंकि आप सरकार नियमों का पालन नहीं करती है।”
बीजेपी द्वारा लाए गए इस ग़ैर क़ानूनी और काले क़ानून के ख़िलाफ़ संसद के अंदर और बाहर बहुत सारी पार्टियों ने, बहुत सारे नेताओं ने दिल्ली के लोगों का साथ दिया, इस समर्थन और साथ के लिए उन सभी नेताओं और सभी पार्टियों को दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की तरफ़ से मैं तहे दिल से धन्यवाद करता…
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 7, 2023
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस विधेयक को काला बिल बताते हुए कहा है, “बीजेपी 2013, 2015, 2020 और फिर एमसीडी का चुनाव बीजेपी बुरी तरह हारी है। दिल्ली वालों ने इन्हें 25 साल से वनवास दिया हुआ है तो ये चोर दरवाज़े से सरकार चलाना चाहते हैं। दिल्ली की जनता ने चिल्ला कर कहा कि सरकार के कामों में दखलअंदाज़ी मत करना, लेकिन मोदी जी कहते हैं कि मैं जनता, सुप्रीम कोर्ट, संविधान की नहीं मानता।”
केंद्र की BJP सरकार ने आज Parliament में Delhi के लोगों को गुलाम बनाने वाला ग़ैर-संवैधानिक क़ानून पास करा कर दिल्ली के लोगों के वोट और अधिकारों का अपमान किया है। – CM @ArvindKejriwal https://t.co/iv9RateVyU
— AAP (@AamAadmiParty) August 7, 2023
अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि लोग सरकार चुनते हैं, इसलिए सरकार को पूरी ताकत मिलनी चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री ने एक हफ़्ते में अध्यादेश से उसको पलट दिया। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने संसद में दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला ग़ैर-संवैधानिक क़ानून पास करा कर दिल्ली के लोगों के वोट और अधिकारों का अपमान किया है।
गौरतलब है कि इस विधेयक के ज़रिए मोदी सरकार उस अध्यादेश को क़ानून बनाना चाहती है, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल के पास दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग या ट्रांसफ़र का आख़िरी अधिकार होगा।