ज्ञानवापी मस्जिद ASI सर्वे प्रकरण: अदालत में पेश हुई पत्रावली, जमकर हुई जिरह, बोले एसएम यासीन ‘जब अदालत ने लिखित अथवा मौखिक आदेश ही नही दिया तो फिर मीडिया ऐसे अटकलों वाली खबर क्यों चला रहा है?’
तारिक आज़मी
वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में आज जिला जज अदालत में पत्रावली पेश हुई। आज अदालत में जहा एक तरफ एएसआई ने सर्वे हेतु 8 अतिरिक्त सप्ताह का समय माँगा तो वही दूसरी तरफ मस्जिद कमेटी ने कई पहलुओ पर सख्त एतराज़ भी जताया। देर शाम लगभग 4:45 तक अदालत का कोई भी आदेश न आने की बात मस्जिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने कही है।
मगर आज दोपहर से ही कई मीडिया संस्थानों के द्वारा यह खबर प्रकाशित किया गया कि अदालत ने 8 सप्ताह के अतिरिक्त समय की मांग को स्वीकार कर लिया है। ऐसे में हमने ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इन्तेज़मियां मसजिद कमेटी के अधिवक्ता एखलाक अहमद से बात किया तो उन्होंने बताया कि 4:45 तक अदालत ने न तो कोई लिखित आदेश जारी किया था और न ही कोई मौखिक आदेश जारी किया था। फिर अगर कोई इसको लेकर दावे कर रहा है तो उसके मुताल्लिक हम कुछ नही कह सकते है।
वही आज दोपहर मे लगभग 3 बजे के करीब एएसआई की सर्वे टीम ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे हेतु पहुची और सर्वे का काम शुरू किया। मगर थोड़ी देर बाद ही टीम ने सर्वे का काम रोक दिया था। आज सर्वे हेतु जब दोपहर में टीम पहुची तो मस्जिद कमेटी ने किसी तरह का एतराज नहीं किया और जैसे सर्वे हेतु सहयोग होता है वैसे ही किया। मस्जिद कमेटी इस बात को लेकर अचंभित है कि आखिर किसके बयानों को आधार मान कर सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट वायरल हुवे कि अदालत ने सर्वे के लिए वक्त दे दिया है।
इस मामले में अंजुमन इन्तेजामियां मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने हमसे बात करते हुवे कहा कि ‘आज देर शाम तक अदालत की जानिब से न तो कोई लिखित हुक्म जारी हुआ था और न ही किसी तरह का मौखिक आदेश हुआ था। फिर आखिर सोशल मीडिया पर कुछ लोगो ने किस आधार पर यह पोस्ट चलाना शुरू कर दिया था कि अदालत ने ASI को 8 सप्ताह का अतिरिक्त समय दे दिया है। क्या इस तरीके से मसलो में ऐसे कयास की बाते बेहतर होती है? आखिर किसको दोपहर ढाई बजे जैसे ही सुनवाई खत्म हुई यह जानकारी मिल गई और लोगो ने इसको ब्रेकिंग न्यूज़ बना दिया?’
बहरहाल, अदालत ने सुनवाई के दरमियान किसी प्रकार का कोई हुक्म मौखिक नही दिया है। साथ ही अधिवक्ताओं की माने तो अदालत ने शाम 4:45 तक कोई लिखित आदेश भी जारी नही किया है। अगर आदेश 4:45 के बाद कोई आया होगा तो इसकी जानकारी हमको नही है। उम्मीद किया जा रहा है कि कल सुबह इस सम्बन्ध में अदालत के आदेश अधिवक्ताओं को प्राप्त होंगे। मगर मीडिया के डिजिटल प्लेटफार्म कर इस प्रकार से बिना पुष्टि की खबर प्रकशित करना ठीक भी नही है।