बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में बोले राहुल गांधी ‘अडाणी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सरकार भारत-इंडिया विवाद कर रही है’
तारिक़ खान
डेस्क: यूरोपीय देश बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स के एक प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते कल शुक्रवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘इंडिया बनाम भारत’ विवाद केवल अड़ानी मामले से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है। पत्रकार वार्ता में राहुल गांधी ने कश्मीर और ‘लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमले’ के अलावा नई दिल्ली में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे कई विषयों पर बात की।
केंद्र सरकार द्वारा ‘भारत के राष्ट्रपति’ (प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह) के नाम पर जी-20 शिखर सम्मेलन का निमंत्रण भेजे जाने के बाद सोशल मीडिया पर उपजे विवाद पर टिप्पणी करते हुए राहुल ने इसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ‘ध्यान भटकाने वाली रणनीति’ कहा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘हमारे संविधान में जो नाम है, उनसे मैं पूरी तरह खुश हूं। इंडिया यानी भारत, मेरे लिए बिल्कुल ठीक है।’ जब उनसे पूछा गया कि उन्हें कौन-सा नाम पसंद है तो कांग्रेस नेता ने कहा, ‘लेकिन मुझे लगता है कि ये मेरे लिए एक तरह से घबराहट की प्रतिक्रियाएं हैं। सरकार में थोड़ा डर है। ये ध्यान भटकाने वाली रणनीति हैं।’
राहुल गांधी वर्तमान में बेल्जियम से शुरू होने वाले यूरोपीय दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष द्वारा अपने गठबंधन को ‘इंडिया’ नाम देने से परेशान है। उन्होंने कहा, ‘हम निश्चित रूप से अपने गठबंधन के लिए इंडिया नाम लेकर आए हैं और यह एक शानदार विचार है, क्योंकि यह दर्शाता है कि हम वास्तव में कौन हैं, हम खुद को भारत की आवाज मानते हैं और इसलिए यह नाम बहुत अच्छा है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री को इतना परेशान कर रहा है कि वह देश का नाम बदलना चाहते हैं, जो बेतुका है।’
मोदी सरकार के खिलाफ अपना आक्रामक रुख जारी रखते हुए राहुल ने कहा, ‘यह दिलचस्प है कि हर बार जब हम अडानी और क्रोनी कैपटलिज्म का मुद्दा उठाते हैं, तो प्रधानमंत्री एक नाटकीय नई रणनीति के साथ सामने आए हैं। अडानी पर मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के ठीक बाद यह बदलाव (जी-20 निमंत्रण पर ‘भारत के राष्ट्रपति’ लिखना) लागू किया गया।’ कश्मीर पर अपना रुख दोहराते हुए उन्होंने कहा, ‘कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। यह हमारे अलावा किसी और का नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारी स्थिति स्पष्ट है। यह महत्वपूर्ण है कि भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं की रक्षा की जाए और भारत के हर हिस्से में लोगों की आवाज की रक्षा की जाए।’ जी-20 सम्मेलन में विपक्षी नेताओं को आमंत्रित नहीं करने के लिए भी सरकार को फटकार लगाई और कहा कि इससे पता चलता है कि ‘वर्तमान नेतृत्व भारत की 60 प्रतिशत आबादी के नेताओं को महत्व नहीं देता है।’ उन्होंने कहा कि ‘लोगों को यह सोचना चाहिए कि इस विचार के पीछे किस प्रकार की सोच है!’