संसद में जो संविधान दिया गया उसकी प्रस्तावना में सेक्यूलर, सोशलिस्ट शब्द नहीं: अधीर रंजन चौधरी

प्रमोद कुमार

डेस्क: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि नए संसद भवन में प्रवेश के समय जो संविधान की कॉपी केंद्र सरकार की ओर से दी गई उसकी प्रस्तावना में सेक्यूलर, सोशलिस्ट शब्द नहीं थे। अधीर रंजन ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा- “ हमें जो नया संविधान दिया गया, जिसे हाथ में लेकर संसद भवन में प्रवेश किया, उस संविधान की प्रस्तावना में सेक्यूलर, सोशलिस्ट ये शब्द नहीं हैं।”

उन्होंने आगे संविधान की प्रस्तावना का ज़िक्र करते हुए कहा- “ संविधान की प्रस्तावना है- हम भारत के लोग, भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए।।।। जो संविधान हमें मिला है उसमें सेक्यूलर और सोशलिस्ट शब्द है ही नहीं। “हम जानते हैं कि दोनों शब्द शामिल हुए थे 1976 में, लेकिन आज की तारीख़ में अगर कोई संविधान हमें दे और अगर उसमें सेक्यूलर और सोशलिस्ट दोनों शब्द ना हों तो ये गहरी चिंता की बात है।”

“अगर आप कुछ बोलने की कोशिश करेंगे तो वो (मोदी सरकार) कहेंगे कि शुरू में तो यही था, जो शुरुआत से था वही दे रहे हैं, लेकिन अंदर की मंशा अलग है। इरादे में खोट है। मैं इससे बहुत चिंता में हूं कि संविधान से बेहद चालाकी के साथ सेक्यूलर और सोशलिस्ट शब्द हटा दिए गए हैं। मैं बोलने की कोशिश कर रहा था ताकि ये मुद्दा उठा सकूं, लेकिन बोलने का मौका नहीं दिया गया।”

संविधान की प्रस्तावना को संविधान की आत्मा माना जाता है, ये वो मूल आदर्श है जिस पर पूरा संविधान लिखा गया है। बताते चले मंगलवार को देश के नए संसद भवन में कार्यवाही का पहला दिन था। सदन में इस दौरान महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। इसे लेकर भी विपक्ष सरकार की आलोचना कर रहा है क्योंकि बिल के मुताबिक़ आने वाले चुनाव में ये आरक्षण लागू नहीं हो पाएगा। इसे लागू होने मे सालों लगेंगे।

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