पितृ पक्ष के द्वितीया श्राद्ध पर करें इन पेड़ों की पूजा
अनुराग पाण्डेय
डेस्क: अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 30 सितंबर को दोपहर 12:21 मिनट पर शुरू होगी। इसका समापन 1 अक्टूबर 2023 को सुबह 09:41 पर होगा। पूरे पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों का तर्पण, पिंडदान के अलावा बेलपत्र, पीपल और बरगद के पेड़ की पूजा करना चाहिए।
मान्यता है इससे पितरों को बल मिलता है। वह तृप्त होते हैं। श्राद्ध पक्ष में बेलपत्र के पेड़ में प्रात: काल जल में गंगाजल मिलाकर चढ़ाना शुभ होता है। इससे पूर्वजों की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। पितृ पक्ष में बेल का पौधा लगाने से आर्थिक संकट दूर होता है।
पीपल में पितरों का वास होता है। खासकर शनिवार के दिन पीपल में जल अर्पित करें और शाम को पीपले के नीचे दीपक लगाने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है। वंश वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
श्राद्ध पक्ष में जल में काले तिल मिलाकर बरगद के पेड़ को अर्पित करने से पितरों की आत्मा तप्त होती है। पूर्वजों की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।
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