सिक्किम में बादल फटने से आई बाढ़ में 10 के मौत की पुष्टि, 82 लापता, सेना के 23 जवानो के भी लापता होने की सुचना, एक जवान को किया गया रेस्क्यू, देखे तस्वीरे और जाने हालात

मो0 शरीफ

डेस्क: सिक्किम में बादल फटने की घटना के बाद आए फ्लैश फल्ड में कई लोगों के मारे जाने की आशंका है। मिल रही जानकारी के मुताबिक़ सरकारी अधिकारियों ने अभी तक 10 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है जबकि 82 लोगों को लापता बताया है। हालांकि, हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट मुताबिक़ 14 लोग मारे गए हैं और 120 लापता हैं जिनमें 23 भारतीय सेना के जवान हैं।

बुधवार सुबह हुई भारी बारिश के बाद सिक्किम में ग्लेशियर झील ने तट तोड़ दिया और अचानक बाढ़ आ गई। हिंदुस्तान टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। इलाके में लगातार हो रही बारिश के कारण बचाव अभियान में कई दिक्कतें आ रही है। प्रशासन का कहना है कि बाढ़ और कीचड़ के कारण आसपास के इलाकों में जान माल की भारी क्षति हुई है। अब तक स्थानीय प्रशासन ने 4 नागरिकों के शव बरामद करने की जानकारी दी है।

जिला प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि इस बाढ के कारण इलाके में तीन हजार से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए है जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए उपाय किए जा रहें है। बाढ़ के कारण अब आसपास के इलाकों में 26 लोग जख्मी हुए है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बात कर राज्य में फ्लैश फ्लड की वजह से होने वाले जान माल के नुक़सान के बारे में जानकारी ली।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, तीस्ता नदी में आए फ्लैश फ्लड से हुए नुक़सान में मोदी ने राज्य की हर संभव सहायता करने का वायदा किया। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘मैंने मुख्यमंत्री से बात कर राज्य में आई दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा से उपजे हालात के बारे में जानकारी ली और साथ ही हालात से निपटने के लिए हर संभव मदद का वादा किया है।’ उन्होंने इस अपदा में प्रभावित लोगों के सकुशल होने और उनकी सुरक्षा के लिए कामना की।

फ्लैश फ्लड में सेना के 23 जवान लापता हो गए हैं और सेना के 41 वाहन मलबे में दब गए हैं। गुवाहाटी में मौजूद सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बाढ़ में 23 सैनिकों के लापता होने की घटना की पुष्टि की है। इस समय लापता जवानों को तलाशने के लिए इलाके में सेना के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें व्यापक अभियान चला रही है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने स्थिति का जायजा लिया है और राज्य सरकार ने इस विपदा को आपदा घोषित कर दिया है।

प्रशासन ने युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू किया है। ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने की वजह से तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई जिससे भारी जानमाल के नुकसान की आशंका जताई है। बाढ़ की वजह से कई संपर्क मार्ग और सड़क बह गई है जिससे राहत और बचाव कार्य में दिक्कत आ रही है। बीएसएफ ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किए हैं जिनमें जवान लोगों को बचाते दिख रहे हैं। सेना ने एक बयान जारी कर बताया कि उत्तरी सिक्किम में लहोनक झील पर अचानक बादल फटने के कारण लाचेन घाटी के पास स्थित तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई। यह घटना बुधवार तड़के करीब 2 बजे की है।

दरअसल लाचेन घाटी के ऊपरी क्षेत्र में लंबे समय से सेना की तैनाती रही है। यह इलाका सुरक्षा की रणनीति के लिहाज से भारतीय फौज के लिए काफी संवेदनशील रहा है। क्योंकि इस क्षेत्र में मुगुथांग घाटी से आगे समुद्र तल से लगभग 18,000 फीट ऊपर गुरुडोंगमर झील है जहां से महज 5 किलोमीटर दूरी पर चीन की सीमा है। सेना के लिए इस इलाके की सुरक्षा करना बहुत चुनौती से भरा रहा है। ऐसा कठिन इलाका जहां सांस लेना अपने आप में एक मुश्किल काम है। बताया जा रहा है कि जिस जगह बादल फटने की यह घटना हुई है और सेना के बारदांग में मौजूद ट्रांजिट कैंप को काफी नुकसान हुआ। वहां सेना के वाहन और 23 सैनिक बाढ़ की चपेट में आ गए।

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