गाजीपुर: बाहुबली नेता मुख़्तार अंसारी को गैंगेस्टर मामले में अदालत ने सुनाया 10 साल की सजा, लगाया 5 लाख जुर्माना
शाहनवाज़ अहमद
गाजीपुर: बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हत्या और हत्या के प्रयास से जुड़े एक मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने उन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने उन्हें गुरुवार, 26 अक्टूबर को हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में दोषी पाया था। कोर्ट ने दूसरे अभियुक्त सोनू पर दो लाख का जुर्माना लगाते हुए पांच साल की सजा सुनाई है।
गैंगस्टर एक्ट के तहत यह तीसरा मामला है, जब मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई गई है। इससे पहले कोर्ट ने वाराणसी में अवधेश राय हत्या कांड और दूसरे हिंदूवादी नेता नंद किशोर रूंगटा अपहरण केस के गैंगस्टर केस में उन्हें दस साल की सजा सुनाई थी। गुरुवार को मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने मीडिया से बात करते हुवे बताया कि ‘गैंग चार्ट में दो मुकदमे थे। एक 19 अप्रैल 2009 को अपने पिता कपिल देव की हत्या के संबंध में मृत्युंजय सिंह ने किया था। उसमें मुख्तार अंसारी जेल में थे। उसमें 120 बी में उनका नाम लाया गया। अभियोजन पक्ष अपना कथानक सिद्ध नहीं कर पाया तो मुख्तार अंसारी बरी हो गए थे। उसके बाद मीर हसन ने 24 नवंबर 2009 को मुकदमा दर्ज करवाया था। उसमें भी मुलजिम मुख्तार अंसारी जेल में थे।’
Uttar Pradesh | Gangster-turned-politician Mukhtar Ansari awarded 10 years imprisonment and a fine of Rs 5 lakh by Ghazipur MP/MLA court in connection with a gangster case lodged against him in 2010 after the murder of one Kapil Dev Singh under Karanda police station limits of…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 27, 2023
उन्होंने कहा कि ‘मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर 2005 से लगातार अब तक जेल में हैं। जेल में रहते हुए ही उन्हें 120बी का अभियुक्त बना दिया गया। जांच के दौरान उन्हें लाया गया। एफआईआर में नाम नहीं था। चार्जशीट में नाम लाया गया, जेल में रहते हुए। उसमें भी अभियोजन पक्ष सिद्ध नहीं कर पाया। उसमें भी वे बरी हो गए थे, लेकिन कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय की रूलिंग है कि अगर कोई गवाह अपना बयान बदल देता है, और उसमें मुलजिम बरी हो जाता है, तो उसमें माना जाएगा कि वो कहीं से प्रभावित है, कोर्ट ने इस आधार पर सजा सुनाई है।’