हिंदू विवाह बिना सात फेरों और अन्य रस्म के वैध नहीं: इलाहाबाद हाई कोर्ट
तारिक़ खान
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करने के दौरान कहा कि हिंदू विवाह बिना ‘सप्तपदी (सात फेरों) और अन्य रस्म के वैध नहीं है। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक ख़बर के अनुसार, एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उससे अलग रह रही पत्नी ने बिना उसे तलाक़ दिए हुई दूसरी शादी कर ली।
कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “रीति रिवाजों के साथ संपन्न हुए विवाह को ही क़ानूनी तौर पर वैध विवाह माना जा सकता है। अगर ऐसा नहीं है तो क़ानून की नज़र में ये विवाह वैध नहीं माना जाएगा।” ये आदेश जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने स्मृति सिंह की याचिका देते हुए याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ दर्ज परिवाद और सम्मन आदेश को रद्द कर दिया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हिंदू विवाह क़ानून में विवाह की वैधता को साबित करने के लिए सप्तपदी एक अनिवार्य हिस्सा है। मौजूदा मामले में इसका कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।”