इजराइली सेना ने गज़ा में गिराये पर्चे कहा ’24 घंटे में शहर खाली कर दे’, लगातार होती बमबारी के बीच शहर छोड़ते फलिस्तीनी नागरिक, बोला UN इतने कम वक्त में यह संभव नही, पढ़े अब तक आई जानकरी
ईदुल अमीन
डेस्क: इसराइल और हमास के बीच पिछले शनिवार शुरू हुआ संघर्ष को अब एक हफ़्ता पूरा होने जा रहा है। बीते शनिवार को हमास की ओर से हमले के बाद इसराइल ने ग़ज़ा पट्टी क्षेत्र में भीषण गोलाबारी शुरू की थो जो अभी भी जारी है। इसराइली सेना ने उत्तरी ग़ज़ा में रहने वाले फ़लस्तीनियों को अगले 24 घंटे के अंदर दक्षिणी ग़ज़ा जाने की चेतावनी दी थी।
इसराइल ने ड्रोन विमानों के ज़रिए अपनी चेतावनी वाले पर्चे आसमान से गिराए थे। इसराइल ने अपने चेतावनी वाली लाखों पर्चियां इस इलाक़े में आसमान से गिराई हैं। इसके बाद शुक्रवार शाम (भारतीय समयानुसार) ऐसी तमाम तस्वीरें आई हैं जिनमें सड़कों पर फ़लस्तीनी लोग अपना सामान लेकर चलते हुए नज़र आ रहे हैं। ग़ज़ा पट्टी की सड़कों पर इस युद्ध से विस्थापित हुए लोगों की भीड़ नज़र आ रही है।
लोग जो भी सामान ले जा सकते हैं उसे साथ लेकर पैदल, छकड़े, गाड़ियों, कारों और बसों से दक्षिण ग़ज़ा की ओर जाते दिख रहे हैं। इसराइली सेना ने जिस इलाक़े से फ़लस्तीनी लोगों को हटने की चेतावनी दी थी, वहां लगभग 11 लाख फ़लस्तीनी रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इसराइली सेना की चेतावनी पर कहा था कि इतने कम समय में इतने अधिक लोग एक जगह से दूसरी जगह कैसे जा सकते हैं।
इसराइल लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि हमास अपनी सैन्य कार्रवाई के लिए नागरिकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करता है। इसराइल का कहना है कि हमास फ़लस्तीनी नागरिकों की सुरक्षा दांव पर लगाकर घनी आबादी के बीच अपने गोला बारूद और हथियार का जखीरा रखता है। 2021 में ग़ज़ा में चलाए गए अपने अभियान के दौरान इसराइली सेना ने एक वीडियो शेयर किया था जिसमें दिखता है कि घनी आबादी के बीच से रॉकेट फ़ायर किए जा रहे हैं।