मजबूत सीमा, मजबूत सेना और ख़ुफ़िया तंत्र को ध्वस्त कर फलिस्तीनी ‘हमास’ के लड़ाके पढ़े कैसे इसराइल में दाखिल हुवे…? जाने क्या है अब इसराइल की मुख्य चिंता

तारिक़ खान

डेस्क: इसराइली सेना को ताकतवर सेना समझा जाता है। विदेशो में जासूसी करने वाली इसराइल की एजेंसी मोसाद भी काफी ताकतवर मानी जाती है। घरेलु जाँच एजेंसी शिन बेत को भी दुनिया की ताकतवर जाँच एजेंसियों में शुमार किया जाता है। गज़ा पट्टी और इसराइल की सीमा पर भारी सुरक्षा व्यवस्था रहती है। मगर शनिवार को सब धरा रह गया और फलिस्तीनी लड़के ‘हमास’ ने हर तरफ धुआ धुआ कर दिया।

ये माना जाता है कि पश्चिम एशिया में इसराइल के पास सबसे व्यापक और संसाधनों से लैस इंटेलिजेंस एजेंसी है। इसराइल की ख़ुफ़िया एजेंसी के एजेंट और सूचना देने वाले फ़लस्तीनी ग्रुपों के अलावा लेबनान, सीरिया और हर कहीं मौजूद हैं। अतीत में इसने हमास नेताओं की बहुत सटीक तरीके से हत्याएं की हैं और उन्हें हर मूवमेंट की अंदर तक की जानकारी होती है।

इसके एजेंट किसी टारगेट कार पर जीपीएस ट्रैकर लगा देता है तो उसे ड्रोन से निशाना बनाया जाता है। कई बार तो विस्फ़ोटक मोबाइल फ़ोन का भी इस्तेमाल किया गया। ज़मीनी सुरक्षा भी बहुत चाक चौबंद होती है। ग़ज़ा और इसराइल के बीच की सीमा पर मजबूत बाड़बंदी है, वहां कैमरे हैं, ग्राउंड मोशन सेंसर हैं और सेना की लगातार गश्त होती है। दीवारों के ऊपर कंटीले तार लगे हैं जहां ऐसी घुसपैठ की संभावना न्यूनतम हो जाती है जैसी इस बार हुई है।

इस सबके बावजूद भी आज शनिवार तड़के जब ग़ज़ा पट्टी से इसराइल पर हज़ारों रॉकेट दागे जा रहे थे, उसी दौरान दर्जनों हथियारबंद फ़लस्तीनी लड़ाके गज़ा पट्टी और इसराइल के बीच भारी सुरक्षा वाली सीमा को पार करने में सफल रहे। मजबूती के बावजूद किसी को इस हमले की भनक तक नहीं लगी और एक बड़ा हमला ‘हमास’ ने इसराइल पर किया है, जिसमे 70 से अधिक मारे जा चुके है और 500 से अधिक घायल है। दूसरी तरफ हमास का दावा है कि उसके पास 53 युद्धबंदी भी है। सीमा पर बनी दीवारों को ‘हमास’ लडाको ने बुलडोज़र से गिरा दिया। वही समुंदरी रास्ते से भी पैराग्लाइड करते हुवे हमास के लड़ाके इसराइल में दाखिल हो गए।

दूसरी तरफ इसराइल के जवाबी हमले में 198 फ़लस्तीनी मारे गए हैं और 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। फलिस्तीन और इसराइल के बीच हो रहे इस संघर्ष में दुनिया दो हिस्सों में दिखाई दे रही है। इस समय इसराइल की महज़ एक चिंता अपने युद्धबंदियो को छुड़ाना अथवा सीमा के अन्दर मौजूद ‘हमास’ के लडाको को खदेड़ना ही नहीं है बल्कि उसकी मुख्य चिंता इस समय इस संघर्ष को फैलने से रोकने की है। लेबनान से लगी उत्तरी सीमा के पार अत्याधुनिक हथियारों से लैस हिज़्बुल्लाह के लड़ाके इस लड़ाई में शामिल हो सकते हैं। काफी देश इसराइल के समर्थन में है वही काफी देशो ने फलिस्तीन का समर्थन किया है। मगर सभी इस संघर्ष को रोकने पर बल दे रहे है। इसराइली मीडिया के अनुसार, दक्षिणी इसराइल के कई जगहों पर इसराइली सुरक्षा बलों और फ़लस्तीनी लड़ाकों के बीच गोलीबारी हो रही है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *