क़तर में आठ भारतीयों को फांसी की सजा सुनाए जाने पर पढ़ें क्या बोले कांग्रेस नेता
आदिल अहमद
डेस्क: क़तर में गिरफ़्तार आठ भारतीय नागरिकों को फांसी की सज़ा सुनाई गई है। ये आठ भारतीय नेवी के रिटायर्ड अधिकारी हैं और पिछले साल अगस्त से ही क़तर की जेल में हैं। क़तर ने उन पर लगे आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है। वही इस पूरे मामले पर कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि ‘जब उन्होंने ये मुद्दा संसद में उठाया था तो विदेश मंत्री ने कहा था ज़रूरी क़दम उठाया जा रहा है लेकिन ज़ाहिर है वो क़दम पर्याप्त नहीं थे।’
VIDEO | "On December 7, 2022, I had raised this issue in Lok Sabha. At that particular point of time, these eight senior naval officers had been in solitary confinement for 120 days. (External Affairs minister) Dr S Jaishankar responded to my intervention with a letter on… pic.twitter.com/ZEUMhcdP0P
— Press Trust of India (@PTI_News) October 27, 2023
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “7 दिसंबर 2022 को मैंने ये मुद्दा लोकसभा में उठाया था। उस समय ये आठ वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारी 120 दिनों तक एकांत कारावास में थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 26 दिसंबर 2022 को एक चिट्ठी लिख कर बताया था कि भारत सरकार इस मामले में क्या कुछ कर रही है, लेकिन स्पष्ट रूप से वह पर्याप्त नहीं था।”
भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है, “हमारे पास शुरुआती जानकारी है कि क़तर की अदालत ने अल दाहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में अपना फ़ैसला सुनाया है।” बयान के अनुसार, “हम फांसी दिए जाने के फैसले से स्तब्ध हैं और विस्तृत फैसले का इंतज़ार कर रहे हैं। हम उनके परिजनों और क़ानूनी टीम से संपर्क में हैं। हम ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ से इस मामले को देख रहे हैं और इस मामले को क़तरी प्रशासन के सामने उठाएंगे।” मंत्रालय ने कहा है कि अभी वो इस केस पर और कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।