एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया की जगह भारत लिखने की सिफ़ारिश, सियासत हुई गर्म, बोले संजय राऊत ‘उन्हें “इंडिया” से नफरत हो गई है, हमे “भारत” से प्यार है’
ईदुल अमीन
डेस्क: एनसीईआरटी की एक उच्च स्तरीय कमेटी ने सभी कक्षाओ के स्कूली पाठ्यक्रमों में इंडिया की जगह भारत किए जाने का सुझाव दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, स्कूली पाठ्यक्रम में सुधार के गठित कमेटी के चेयरपर्सन सीआई इसाक ने कहा कि पैनल ने सभी विषयों के पाठ्यक्रम में इंडिया की जगह भारत करने, एंशिएंट हिस्ट्री की बजाय क्लासिकल हिस्ट्री को शामिल करने और इंडियन नॉलेज सिस्टम को शामिल किए जाने की सिफ़ारिश की है।
हालांकि एजेंसी के मुताबिक एनसीईआरटी चेयरमैन दिनेश सकलानी ने कहा है कि पैनल के सुझाव पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। मगर इस सुझाव के आने पर सियासत गर्म होती हुई दिखाई दे रही है। इस बीच, मीडिया में इस बारे खबर आने के बाद एनसीईआरटी ने कहा है कि चूंकि नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने की जारी है और डोमेन विशेषज्ञों से बात की जा रही है, इसलिए संबंधित मुद्दे पर चल रही खबरों पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
इस सम्बन्ध में शिवसेना ने कहा है कि जब से ‘इंडिया’ गठबंधन बना है तब से ये लोग ‘इंडिया’ से नफरत करने लगे है। मगर हम भारत से नफरत नही करेगे क्योकि भारत हमारा ही है और वह हमारा देश है।
#WATCH मुंबई: स्कूली पाठ्यपुस्तकों में 'इंडिया' की जगह 'भारत' करने की NCERT पैनल की सिफारिश पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, "ये राजनीतिक निर्णय है क्योंकि सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर INDIA गठबंधन बनाया। तब से ये लोग इंडिया नाम से नफरत करने लगे हैं।…हम भारत से नफरत नहीं… pic.twitter.com/eATMADbuxE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 25, 2023
सांसद संजय राउत ने कहा है कहा है कि ‘ये राजनीतिक निर्णय है क्योंकि सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर इंडिया गठबंधन बनाया। तब से ये लोग इंडिया नाम से नफ़रत करने लगे हैं…..। हम भारत से नफ़रत नहीं करेंगे क्योंकि भारत हमारा ही है भारत हमारा देश है। संविधान में भारत का जिक्र है लेकिन इंडिया हो या भारत, देश-देश है’
उन्होंने आगे कहा कि ‘लेकिन आप एक निर्णय लेने जा रहे हैं कि इंडिया की जगह भारत करने की तो क्या आपकी ज़िम्मेदारी नहीं है कि सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस बारे में चर्चा करें। भारत हो या इंडिया हो, हम तो एक हैं और जल्दी ही आपको पता चलेगा कि 2024 में इंडिया जीतेगा और भारत भी।’
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यह सुझाव सामाजिक विज्ञान समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर और पद्मश्री से सम्मानित इतिहासकार प्रोफेसर सीआई आइज़ैक की तरफ से आए हैं और उन्हें उम्मीद है कि इसे अगले शैक्षणिक वर्ष से लागू किया जाएगा। समिति ने ‘प्राचीन इतिहास’ को ‘भारतीय इतिहास के शास्त्रीय काल’ से बदलने का भी सुझाव भी दिया है।