जब तक इसराइल हमले नहीं रोकता, तब तक बंधको पर कोई बातचीत नही होगी: हमास

शाहीन बनारसी

डेस्क: इसराइल द्वारा हमास शासित गज़ा में हवाई हमले जारी है। हमास अपने हमले में इसराइल के कई नागरिको को अपने साथ बंधक बना कर ले गया है। शुरू में इनकी ताय्दात 50-100 बताया जा रहा था। मगर समय के साथ ही इस संख्या में वृद्धि हुई और अब इसराइल बन्धको की संख्या 203 बता रहा है। जबकि हमास ने अपने बयानों में कहा है कि हमारे पास 250 के करीब बंधक है।

इस दरमियान हमास ने दो अमेरिकन नागरिको को अपने बंदिश से मुक्त कर दिया है। हमास ने उनको क्यों छोड़ा इसको लेकर कई तरीके के कयास लगाये जा रहे है। मगर कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि हमास ने ऐसा एक कुटनीतिक चाल के तहत किया है। हमास इन बंदियों के बदले इसराइल के जेलों में बंद फलिस्तीनी नागरिको की रिहाई मांग रहा है। हमास का कहना है कि जो फलिस्तीनी महिलाए इसराइल के जेलों में बंद है इसराइल उन्हें रिहा करे।

अब आज हमास का नया बयान इन बन्धको पर आया है। हमास का कहना है कि जब तक इजरायली ‘आक्रामकता’ खत्म नहीं हो जाती तब तक हम बंदी सैनिकों की अदला-बदली पर चर्चा नहीं करेंगे समूह के एक अधिकारी ने लेबनान से एक टेलीविज़न समाचार सम्मेलन के दौरान बात करते हुए कहा कि हमास द्वारा वर्तमान में बंदी बनाए गए इजरायली सैनिकों के कैदियों की अदला-बदली की चर्चा फिलहाल मेज से बाहर है।

हमास के अधिकारी ओसामा हमदान ने कहा, ‘इजरायली सेना के बंदियों के संबंध में हमारा रुख स्पष्ट है: यह कैदियों के आदान-प्रदान से संबंधित है, और हम इस पर तब तक चर्चा नहीं करेंगे जब तक कि इजरायल गाजा और फिलिस्तीनियों पर अपनी आक्रामकता समाप्त नहीं कर देता।‘ हमास के इस बयान के बाद से बन्दियो को लेकर बन चल रहा इन्तेज़ार अब और आगे बढ़ जाने की संभावना दिखाता है।

यदि पुराने पन्नो को पलट कर देखे तो हमास ने वर्ष 2006 में एक इसराइली फौजी को बंधक बना लिया था। जिसके बाद इसराइल ने कई बमबारी किया और यह द्वन्द 2011 तक चला मगर हमास ने फौजी को रिहा नही किया। अंततः हमास से इसराइल ने समझौता किया और वर्ष 2011 में नेतान्याहू की पहल पर हमास की मांग पूरी करते हुवे फलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बाद इसराइली फौजी को रिहा किया गया था। अब उन परिस्थितियों को देखे तो इस बार हमास के पास जितने बंदी है, उनके बदले वह इसराइल से काफी फलिस्तीनी नागरिको की रिहाई करवा सकता है।

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