यह पहला मौका नहीं है जब इजरायल ने स्कूलों, अस्पतालों को निशाना बनाया हो, इसके पहले भी कई ऐसी घटनाए हो चुकी है

शाहीन बनारसी

डेस्क: गजा में अल-अहली अरब अस्पताल पर इजरायल का हमला पहली बार नहीं है जब इजरायली सेना ने स्कूलों और अस्पतालों को निशाना बनाया है . ये स्थान पारंपरिक रूप से युद्ध के दौरान नागरिको के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह माने जाते रहे हैं। मगर अल अहली क्रिश्चन अस्पताल पर हमले ने इन स्थानों को भी अब सुरक्षित होने के दावो को खोखला कर दिया है. वैसे इसराइल पर यह पहली बार नही है कि किसी स्कूल अथवा अस्पताल को हमले का निशाना बनाने का आरोप लगा हो.

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में, इज़राइल ने गाजा पट्टी में फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी – UNRWA द्वारा संचालित एक स्कूल को निशाना बनाया था। एजेंसी का यह भी कहना है कि 7 अक्टूबर को हमास और इजरायली बलों के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा में कम से कम चार स्कूलों को इजरायली बमबारी से नुकसान हुआ है।

अगर और थोडा पीछे जाए तो लड़ाई के नवीनतम दौर से पहले, इजरायली सेना ने 6 जनवरी, 2009 को गाजा में जबालिया शिविर में अल-फखुरा स्कूल पर हमला किया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, इस घटना में 40 से अधिक लोग मारे गए थे। 2014 के गाजा-इजरायल युद्ध के दौरान, जबालिया में ही एक अन्य स्कूल, जिसका इस्तेमाल फिलिस्तीनी परिवारों को आश्रय देने के लिए किया जा रहा था, पर इजरायली बलों ने गोलाबारी की थी।

माना जाता है कि इस हमले में कम से कम 15 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर बच्चे और महिलाएं थीं और 100 से अधिक अन्य घायल हो गए। इसके अलावा 2014 के युद्ध के दौरान, इजरायली गोलाबारी ने मध्य गाजा पट्टी के दीर अल-बलाह में अल-अक्सा अस्पताल को निशाना बनाया, जिसमें चार लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए।

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