देखे वीडियो: क्या बचा पुलिस का इकबाल..? बीच सड़क पर कथित भाजपा कार्यकर्ताओं ने ट्रैफिक इस्पेक्टर की किया जमकर पिटाई, फाड़े कपडे, इस्पेक्टर पर शराब पीकर अभद्रता करने का आरोप निकला मेडिकल में झूठा
तारिक़ आज़मी
अलीगढ: कथित भाजपा कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश पुलिस के इकबाल को धाराशाही करते हुवे बीच सड़क पर थाना प्रभारी और क्षेत्राधिकारी की मौजूदगी में एक ट्रैफिक इस्पेक्टर की जमकर पिटाई किया और साथ ही उसके कपडे फाड़ डाले। कल बुद्धवार की इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है कि कथित भाजपा कार्यकर्ता पुलिस के मौजूदगी में किस प्रकार से मारपीट एक ट्रैफिक इस्पेक्टर के साथ कर रहे है और इस दरमियान पुलिस केवल बचाव मुद्रा में दिखाई दे रही है।
यही नही भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकारी गाड़ी में बैठे ट्रैफिक इंस्पेक्टर को खींच कर बाहर निकाला ये सब कुछ स्थानीय इस्पेक्टर और क्षेत्राधिकारी की मौजूदगी में हुआ। ट्रैफिक इस्पेक्टर की उन कथित भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर पिटाई किया। कपड़े तक फाड़ दिए। किसी तरह से मौके पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर को बचाया। इसके बाद भाजपा के कथित कार्यकर्ता और कथित नेता हंगामा करने लगे। सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए और उक्त ट्राफिक इस्पेक्टर पर शराब के नशे में अभद्रता का आरोप लगा कर कार्यवाही की मांग करने लगे। अंततः पुलिस ने पीड़ित इस्पेक्टर का मेडिकल करवाया और उसके शरीर में अल्कोहल की मात्रा शुन्य निकली।
मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों से बात करते हुवे घटना के सम्बन्ध में पीड़ित ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश यादव ने बताया कि उन्हें कंट्रोल रूप से एक संदिग्ध गाड़ी की जांच करने के आदेश मिले थे। जिसके बाद वह मौके पर पहुंचकर कार्रवाई कर रहे थे। इस दौरान उन्हें एक बुलेट नजर आई, जिसमें पटाखा साइलेंसर लगा हुआ था। जिसके बाद वो उस पर कार्रवाई करने लगे। इसी दौरान पार्टी के युवक वहां आ गए और हंगामा करने लगे। टीआई ने कहा कि आरोपियों ने उन्हें लगभग 2 घंटे तक बंधक बनाकर रखा और उनके साथ मारपीट और अभद्रता भी की। जबकि वह सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहे थे। आरोपी दबाव बना रहे थे कि वह बाइक को छोड़ दे,
मामला बन्नादेवी थाना क्षेत्र का है। हंगामा कर रहे युवकों ने आरोप लगाया कि टीआई कमलेश यादव शराब पीकर काफी तेज गाड़ी चला रहे थे। बन्नादेवी थाना क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के पास टीआई ने उनके कार्यकर्ता की गाड़ी को टक्कर मार दी, जिसमें उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। कार्यकर्ता घायल होने से बाल-बाल बचा। इसके बाद पुलिस ने अभद्रता करनी शुरू कर दी। इस बात की जानकारी कार्यकर्ता ने अपने साथियों को दी। मौके पर पहुंचे अन्य कार्यकर्ताओं ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर से बात की तो उन्होंने गलत व्यवहार किया। कार्यकर्ताओं ने टीआई का विरोध किया तो वे मारपीट पर उतारु हो गए।
जबकि घटना का वायरल होता वीडियो तो कुछ और ही कहानी कहता दिखाई दे रहा है। लगभग दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने जीटी रोड पर जाम लगा दिया और टीआई पर कार्रवाई की मांग की। हंगामे की सूचना मिलने पर कई थानों की फोर्स और आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। जिसके बाद टीआई को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। हंगामे के बाद पुलिस ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश यादव का मेडिकल परीक्षण कराया गया। जिसमें टीआई के शरीर में चोटों के निशान मिले। लेकिन शरीर में एल्कोहल की मात्रा शून्य पाई गई। ऐसे में कथित भाजपाइयो द्वारा लगाया जा रहा आरोप ही सरे से ख़ारिज हुआ और झूठा साबित हुआ।
जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ वैभव जैन ने बताया कि ट्रैफिक इंस्पेक्टर के मेडिकल परीक्षण में एल्कोहल की मात्रा शून्य मिली है। जांच रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने शराब नहीं पी थी। एसपी ट्रैफिक मुकेश कुमार उत्तम ने बताया कि टीआई कंट्रोल रूम के निर्देशानुसार संदिग्ध वाहन की जांच का रहे थे। इस दौरान उन्हें एक मोडिफाइड पटाखा बाइक दिखी, जिसका उन्होंने पीछा किया। आगे जाकर उस बाइक का पेट्रोल खत्म हो गया। जब टीआई ने कार्रवाई शुरू की तो विवाद हो गया।