शांति-सद्भावना मंच कुशीनगर की बैठक में बोले प्रो0 आरिफ महापुरुषों के विचारों को आधार बनाकर हो समाज निर्माण की पहल
आनंद यादव
कसया, कुशीनगर। संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर शांति-सद्भावना मंच कुशीनगर द्वारा नगरपालिका परिषद कुशीनगर के सिसवा – महन्थ चौराहे पर हुई बैठक में संविधान की रक्षा और सामाजिक सद्भाव का संकल्प लिया गया। मंच के प्रदेश समन्वयक, गांधी वादी विचारक, इतिहासकार प्रो0 मोहम्मद आरिफ ने शांति सद्भावना मंच के सदस्य/शांति दूतों को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी चुनावी वर्ष में लोग किसी के बहकावे में न आये और निर्भीक होकर अपना मतदान करें। एक ऐसी सरकार का चुनाव करे जो समतामूलक समाज का निर्माण तथा रोजगार का अवसर बढ़ाये।
उन्होंने कहा कि आज की सबसे बड़ी जरूरत है कि आपसी नफरत को खत्म कर सद्भाव कायम किया जाए। मंच इस क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है। हमारा देश साझी विरासत और विविधता का है। हमें गुरु गोरखनाथ, बुद्ध, कबीर, रैदास, नानक, गांधी, अंबेडकर और नेहरू के विचारों को आधार बनाकर समाज निर्माण करने की पहल करनी चाहिए। आजादी के आंदोलन के दौरान समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय के जो सिद्धांत विकसित हुए और उन्हें कालांतर में संविधान की उद्देशिका में शामिल किया गया उसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है। लोकतंत्र संविधान की आत्मा है और धर्मनिरपेक्षता इसकी प्राणवायु। हमें हर हाल में इसे बचाये रखना होगा।
कहा कि महात्मा बुद्ध की धरती ने पूरी दुनिया को शांति – अहिंसा का संदेश दिया। आज विश्व नफरत और हिंसा के मुहाने पर खड़ा है। गाँधीजी ने सत्य – अहिंसा का इस्तेमाल कर विश्व की तत्कालीन सबसे बड़ी ताकत को नतमस्तक होने पर विवश किया था। आज हिंसक हो रहे समाज में शांति स्थापित करने के लिए उसी अहिंसा के अमोघ अस्त्र की जरूरत है। हम सब को मिलकर एक बेहतर समाज निर्माण के लिए प्रयास करना होगा तभी समाज का कल्याण होगा। इस दौरान संजय कुमार सिंह, शौकत अंसारी, जयराम सिंह, रामप्रीत सिंह, महेश पासवान, उमेश कुशवाहा, वशिष्ट यादव, वीरेंद्र यादव, हृदया नन्द शर्मा, रामानंद प्रसाद, सत्य प्रकाश त्यागी, मन मोहन गोंड, अजय कुमार सिंह, इम्तियाज अंसारी, राम नक्षत्र यादव, राम छबीला शर्मा, बलिकरन यादव आदि मौजूद रहे।