बिहार: जाति सर्वे के आधार पर सीएम नीतीश ने 65 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव दिया

अनिल कुमार

डेस्क: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत सर्वे के आधार पर, राज्य में आरक्षण को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। मंगलवार को बिहार विधानसभा में उन्होंने कहा कि पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया जाए।

नीतीश कुमार ने कहा, “जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों के आधार पर सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को ध्यान में लेकर निम्न निर्णय लिए जा सकते हैं। जाति आधारित गणना में वर्गवाद के आंकड़े मिले। उसमें पिछड़ा वर्ग का 47.12 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग का 26.01 प्रतिशत, अनुसूचित जाति का 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति का 1.68 प्रतिशत और सामान्य वर्ग का 12.55 प्रतिशत है”

उन्होंने कहा, “अपर कास्ट का कुल मिलाकर 52.52 और पिछड़ा वर्ग का 27.12 और अति पिछड़ा वर्ग का 36.01 और अनुसूचित जाति का 16 से बढ़कर 19.65 प्रतिशत हो गया है। इसलिए अनुसूचित जाति के लिए कोशिश करनी चाहिए। अनुसूचित जनजाति पहले एक से कम थी, वो अब 1.68 प्रतिशत हो गई है। इसके लिए आगे प्रयास करना होगा।”

“अभी यह स्थिति है कि अनुसूचित जाति और जनजाति की जनसंख्या अनुपात में वृद्धि के कारण, अब जानते हैं ना, जब भी जो भी दिया गया है, 50 प्रतिशत का है। अनुसूचित जाति और जनजाति को सेंट प्रसेंट मिलता था। अभी तक बिहार में 16 और एक 17 था। अब संख्या बढ़ गई है अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत हो गई है, तो अनुसूचित जाति को 20 प्रतिशत करना होगा। अनुसूचित जनजाति का 1.68 है तो उसे 2 प्रतिशत करना होगा। दोनों को 17 प्रतिशत की जगह पर 22 प्रतिशत देना होगा। सरकारी सेवाओं में उनको सेंट प्रसेंट तो देना ही होगा ना”

नीतीश कुमार ने कहा, “ये अनुसूचित जाति का 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति का 2 प्रतिशत हो जाएगा। पिछड़े वर्ग की महिलाओं को पूर्व से प्रावधानिक तीन प्रतिशत आरक्षण को, पिछड़े और अति पिछड़ों के आरक्षण में सम्माहित किया जा सकता है। तब उसकी कोई जरूरत नहीं है। अब तो हम 35 प्रतिशत दे दिए हैं। अब तीन प्रतिशत को छोड़ देना चाहिए, क्योंकि अब पूरे बिहार में महिलाओं को दे रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “50 प्रतिशत में 22 प्रतिशत(अनुसूचित जाति और जनजाति) आरक्षण हटेगा तो पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लिए सिर्फ 28 प्रतिशत आरक्षण बचेगा। दोनों को मिलाकर इनकी संख्या 63 प्रतिशत हो गई है और कुल मिलाकर आप समझ लीजिए कि उनके पास सिर्फ 28 प्रतिशत आरक्षण बचा है। अपर कास्ट में आप जानते हैं कि केंद्र सरकार ने पिछड़ेपन को 10 प्रतिशत किया और हमने स्वीकार किया।”

नीतीश कुमार ने कहा, “ऐसे में पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ना चाहिए ना भाई। यही हमारा कहना है। मेरा यह कहना है कि भाई जो 50 प्रतिशत है वो कम से कम 65 प्रतिशत कर दें। 10 प्रतिशत अपर कास्ट का पहले से है। 65 और 10 प्रतिशत मिलाकर कुल 75 प्रतिशत आरक्षण हो जाएगा और 25 प्रतिशत बचेगा। पहले 40 प्रतिशत सबको फ्री था, अब वो 25 हो जाएगा।”

उन्होंने कहा, “पिछड़ा, अति पिछड़ा, एससी, एसटी के पास जो 50 प्रतिशत आरक्षण है, उसे हम लोग कम से कम 65 प्रतिशत कर दें, ये आप लोगों से परामर्श हैं। आप लोग भी सहमति दे रहे हैं, ये बड़ी खुशी की बात है।”

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