उत्तराखंड के उत्तर काशी में 80 घंटे से अधिक समय से सुरंग में फंसे मजदूरों का बाहर सुरक्षित इंतज़ार कर रहे लोगो का अब टूटने लगा है सब्र का बाँध, नही आ रही अन्दर की जानकारी बाहर
तारिक खान
डेस्क: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की टनल में 40 मज़दूरों को फँसे करीब 80 घंटे का समय हो चुका है। मज़दूरों को वहां से निकालने में अब तक कामयाबी नहीं मिली है। अधिकारियों के मुताबिक मज़दूर रविवार सुबह पांच बजे से फंसे हैं। इस बीच, टनल में फँसे मज़दूरों के साथियों के लिए भावनाओं पर काबू रख पाना मुश्किल हो रहा है। कई मज़दूर नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं और उन्होंने टनल के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
टनल के बाहर मौजूद पुलिस ने उन्हें शांत कराने की हरसंभव कोशिश की मगर बाहर इकट्ठा हुए मज़दूर मानने को तैयार नहीं हो रहे हैं। वैसे मंगलवार को मलबे को ड्रिल करने वाली ऑगर मशीन सुरंग में भेजे जाने के बाद से लग रहा था कि जल्द ही रेस्क्यू आपरेशन पूरा हो जाएगा। लेकिन बुधवार सुबह पता चला है कि वो मशीन सही तरीके से ड्रिल नहीं कर पा रही है। ऐसे में ड्रिल करने के लिए नई दिल्ली से दूसरी मशीन उत्तरकाशी मंगाई जा रही है।
अंदर फंसे मज़दूरों का इंतज़ार कर रहे लोगो ने स्थानीय मीडिया से बताया कि हम भी इसी कंपनी के वर्कर है। आज यहाँ 4 दिन होने को हैं। यहाँ नेता या कोई और आ रहे हैं और देख रहे हैं। इन सब के लिए यह मज़ाक़ की बात है। शासन प्रशासन भी सोया हुआ है। इतने दिन हो गए हैं और हमारा आदमी टनल के अंदर फँसा हुआ है। अब तक उन्हें निकालने का कुछ पता नहीं। हमने अब तक शांति बनाए रखी, इसका मतलब ये लोग समझ रहे हैं कि हमारा कुछ है ही नहीं।
बाहर खड़े मजदूरों की भीड़ का कहना है कि यहाँ सेकेण्ड हैंड मशीन आ रही है और शासन भी बोल रहा है कि हम आदमी निकाल रहे हैं। शासन बोल रहा है कि हम व्यवस्था में लगे हैं, मगर कहाँ है इनकी व्यवस्था। सुरंग के बाहर अपने ग़ुस्सा जताते हुए एक अन्य श्रमिक ने कहा कि टनल के अंदर जो 40 जाने फँसी हैं वो उनके भाई ही हैं। एक मजदूर ने कहा कि मेरे गाँव के 3 लोग अंदर फँसे हैं। हममें से कई परेशानी में सही से खाना तक नहीं खाया है। हमें हमारे आदमी सही सलामत चाहिए।