इसराइल की सुरक्षा कैबिनेट के सदस्य और कृषि मंत्री अवि डिक्टर ने ग़ज़ा के हालात पर कहा “ये ‘नकबा 2023’ है”

शफी उस्मानी

डेस्क: इसराइली मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़ लिकुड पार्टी के नेता अवि डिक्टर से एक साक्षात्कार में ग़ज़ा में लोगों के पलायन की तस्वीरों पर सवाल पूछा गया था। जिसके जवाब में इसराइल की सुरक्षा कैबिनेट के सदस्य और कृषि मंत्री अवि डिक्टर ने ग़ज़ा के हालात पर कहा है कि ये ‘नकबा 2023’ है।

उन्होंने कहा, ‘हम फिलहाल ग़ज़ा में नकबा कर रहे हैं। अगर ऑपरेशन के नज़रिए से देखा जाए तो, युद्ध करने का कोई तरीक़ा नहीं हो सकता, जैसा की आईडीएफ़ ग़ज़ा में करना चाहती है- जब टैंकों और सैनिकों के बीच लोग हों।’ जब उनसे दोबारा पूछा गया कि क्या ये ‘ग़ज़ा नकबा है’ तो डिक्टर ने कहा, ‘ये ग़ज़ा नकबा 2023 है। ये युद्ध इसी तरह समाप्त होगा।’

वहीं इसराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने एक प्रेस वार्ता में कहा है कि इसराइल किसी भी हालात में ग़ज़ा की सुरक्षा को नहीं छोड़ेगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या युद्ध के बाद ग़ज़ा को फ़लस्तीनी प्राधिकरण को सौंपा जा सकता है तो उन्होंने कहा, ‘मैं दोहराता हूं, पूरा सुरक्षा नियंत्रण हमारे हाथ में होगा, हमारे पास ये क्षमता होगी कि हम जब चाहें ग़ज़ा में दाख़िल हों और अगर कोई आतंकवादी फिर से उभरता है तो उसे ख़त्म कर दें। मैं ये नहीं बता सकता कि क्या नहीं होगा। लेकिन हमास नहीं होगा।’

नकबा का मतलब होता है त्रास्दी। फ़लस्तीनी लोग इस शब्द का इस्तेमाल उन घटनाओं के लिए करते हैं जब फ़लस्तीनियों को उनकी बस्तियों से ज़बरदस्ती निकाल दिया गया था। फ़लस्तीनी इलाक़ों से लोगों के पलायन के लिए नकबा शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।

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