मणिपुर हिंसा: मृतकों के लगभग 38 परिवारों ने सरकार के 10 लाख मुआवज़े को लेने से किया इंकार
ईदुल अमीन
डेस्क: मणिपुर जातीय हिंसा में मारे गए लोगों से संबंधित कम से कम 38 परिवारों ने सरकार के 10 लाख रुपये के मुआवजे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। बीते 21 अक्टूबर को सौंपी गई समिति की 14वीं रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि समिति ने अदालत से ‘सिविल सोसाइटी संगठनों को अनुग्रह राशि स्वीकार करने में परिजनों के साथ हस्तक्षेप करने और/या बाधा डालने से रोकने’ के लिए एक और निर्देश मांगा है।
इस सम्बन्ध में इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की सुनवाई 4 दिसंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा फिर से की जाएगी। समिति ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि राज्य सरकार के मुताबिक, 7 अक्टूबर तक मौत के 175 मामले सामने आए हैं और 169 मामलों में मृतकों की पहचान कर ली गई है। इनमें से 81 शवों पर पीड़ितों के परिवारों ने दावा किया है, जबकि 88 शवों पर मृतकों के परिवारों ने दावा नहीं किया है।
समझा जाता है कि राज्य सरकार ने समिति को बताया है कि शेष 6 शवों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं। चिह्नित 169 मामलों में से 73 मामलों में मुआवजा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के रूप में दिया गया है। शेष 96 मामलों में से 58 मामलों में सत्यापन लंबित है, जबकि 38 परिवारों ने सहायता प्राप्त करने के लिए ‘अनिच्छा व्यक्त की है’। समिति ने कहा है कि इनकार ‘आईटीएलएफ, जेपीओ, केआईएम आदि जैसे सिविल सोसाइटी संगठनों (सीएसओ) के दबाव के कारण है।’