इज़राइल-हमास युद्ध पर बोले नोबेल अवार्डेड कैलाश सत्यार्थी ‘यह युद्ध नफरत फैला रहा, बच्चो को सबसे अधिक कीमत इसकी चुकानी पड़ रही’
मो0 सलीम
डेस्क: जाने-माने बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी जिनको साल 2014 मे नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था, ने बीते महीने एक बयान में उन्होंने ग़ज़ा में रहने वाले बच्चों की सुरक्षा की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि ‘फ़लस्तीन के बच्चे और ग़ज़ा के बच्चे हमारे अपने बच्चे हैं, अगर हम खुद को समाजिक मानते हैं तो सब कुछ ऐसे नहीं होने दे सकते।’
अब उन्होंने बीबीसी को दिए एक बयान में कहा है कि यह युद्ध केवल इस क्षेत्र में ही नही बल्कि दुनिया भर के नवजवानों के बीच नफरत बढ़ा रहा है। इसको कैसे भी हो रोकना होगा। उन्होंने गज़ा के बच्चों पर पड़ रहे इस युद्ध पर भी चिंता ज़ाहिर किया है। विश्व समुदाय से उन्होंने युद्ध से शांति बहाली की अपील किया है।
उन्होंने कहा है कि युवाओं पर युद्ध का पड़ने वाला प्रभाव “बहुत, खतरनाक है। इससे विद्रोह की भावना, बदला लेने की भावना, नफ़रत की भावना बढ़ रही है। यही कारण है कि हमें मज़बूती से इसके उपाय तलाशने होंगे। बच्चों कभी भी युद्ध और सशस्त्र संघर्ष के लिए ज़िम्मेदार नहीं होते लेकिन उन्हें इसकी सबसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। ये कीमत उन्हें जीवन भर चुकानी पड़ती है।’