पढ़ें इसराइल-ग़ज़ा मामले पर ब्रिटेन के सांसद इमरान हुसैन ने क्यों दिया इस्तीफ़ा

आदिल अहमद

डेस्क: ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सांसद इमरान हुसैन ने ग़ज़ा में “युद्धविराम की पुरजोर वकालत” करते हुए कीर स्टार्मर की शैडो कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया है। हुसैन कामगरों के लिए बनायी जाने वाली नई डील के शैडो मंत्री थे। उन्होंने कहा कि वह लेबर के एजेंडे के प्रति प्रतिबद्ध हैं लेकिन ग़ज़ा पर उनका दृष्टिकोण सर कीर से “काफ़ी हद तक” अलग है। सर कीर ब्रिटेन की संसद में नेता प्रतिपक्ष हैं।

सर कीर ने ग़ज़ा में मानवीय कारणों से पॉज़ की वकालत की है लेकिन वो युद्धविराम के समर्थन में नहीं हैं। हुसैन ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र और अन्य संस्थाओं की तरह युद्धविराम के “मजबूत समर्थक” हैं। उन्होंने कहा कि इस “रक्तपात को रोकने के लिए युद्धविराम ज़रूरी” है। वही इसराइल ने कहा है कि उसकी सेना अब ग़ज़ा के बीचों बीच पहुंच चुकी है।

इसराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा है कि इसराली सैनिक आसमान, ज़मीन और समंदर तीनों तरफ़ से सुनियोजित हमले कर रहे हैं। प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है उनके सैनिकों ने ग़ज़ा के घेर लिया है और इस समय ग़ज़ा शहर में हैं।

इससे पहले नेतन्याहू ने कहा था कि जब ये युद्ध ख़त्म होगा तो इसराइल ‘अनिश्चित काल’ तक ग़ज़ा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए ज़िम्मेदार होगा। बताते चले साल 2007 के बाद से ग़ज़ा में हमास का शासन था। इसराइल केवल ग़ज़ा के एयर स्पेस और तटों को काबू करता रहा है।

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