कोटा में दुनिया की सबसे बड़ा घंटा बनाने वाले इंजिनियर और सहायक की उसी घंटे से हुई मौत
आदिल अहमद
डेस्क: कोटा में चर्चित रिवर फ्रंट पर लगाए जाने वाले 79 टन के घंटे को सांचे से निकालने के दौरान एक बड़ा हादसा होने से दो लोगो की मौत हो गई है। रविवार को यह हादसा तब हुआ, जब इसे सांचे में ढालकर निकाला जा रहा था। इस घंटे को दुनिया का सबसा बड़ा घंटा होने का दावा किया जाता है। दावा किया जाता है कि इस घंटे की आवाज़ 8 किलोमीटर दूर तक जाती।
घटना के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार सांचे को खोलते समय बेल्ट फिसलने से घंटे के नीचे दबने से प्रोजेक्ट डिजाइनर देवेन्द्र आर्य व उनके सहायक की मौत हो गई। कुन्हाड़ी थानाधिकारी महेन्द्र कुमार मीणा ने बताया कि रिवर फ्रंट पर सांचे को कैनवास के बेल्ट से उठाया जा रहा था। इस दौरान बेल्ट फिसल गई और प्रोजेक्ट डिजाइनर देवेन्द्र आर्य व उसके सहायक रामकेश उर्फ छोटू गिरकर मॉल्ट के नीचे दबकर गंभीर घायल हो गए।
मौके पर मौजूद लोग दोनों को तत्काल निजी अस्पताल लेकर गए। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद रामकेश को मृत घोषित कर दिया। प्रोजेक्टर इंजीनियर देवेन्द्र आर्य ने उपचार के दौरान शाम को दम तोड़ दिया। रामकेश कसाणा (19) धौलपुर का रहने वाला था। रामकेश व उसका बड़ा भाई सुरेन्द्र रिवर फ्रंट के निर्माण के समय से ही कोटा में रह रहे थे। रामकेश आर्य के सहायक के रूप में कार्य कर रहा था। जबकि सुरेन्द्र रिवर फ्रंट पर सुरक्षा गार्ड कंपनी में कार्य करता है। दिवाली की छुट्टियोंं के बाद रामकेश रविवार को ही गांव से कोटा आया था और काम पर चला गया।