उत्तरकाशी में स्थित सिल्कयारा की निर्माणाधीन सुरंग से जारी हुआ मजदूरों का बाहर आना, अब तक 13 मजदूर आये बाहर, देखे तस्वीरे

तारिक़ आज़मी

डेस्क: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित सिल्कयारा की निर्माणाधीन सुरंग में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 में से पहले 13 मजदूर को बाहर निकाल लिया गया है। कई दिनों तक चले बचाव अभियान के बाद अब मज़दूर सुरंग से बाहर निकालने शुरू हो गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई पर आ रही तस्वीरों में मज़दूर एम्बुलेंस से सुरक्षित बाहर निकलते दिख रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक़ अब तक कुल 13 मज़दूर बाहर आ चुके हैं। उन्हें एम्बुलेंस के ज़रिए सीधा चिन्यालीसौड़ के स्वास्थ्य केंद्र लाया जा रहा है। डॉक्टर्स की निगरानी में उनका यहां इलाज किया जाएगा।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह उनके स्वागत के लिए मौके पर मौजूद हैं। गले में फूल की माला पहना कर और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ मज़दूरों का गर्मजोशी से स्वागत किया जा रहा है। सुरंग के नज़दीकी गांव में आतिशबाजी भी हुई है और आसपास के लोग जश्न में मिठाइयां भी बांट रहे हैं। अब तक कुल 13 मज़दूर सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं। बाकियों को बाहर निकालने का काम जारी है। समाचार एजेंसी एएनआई पर आ रही तस्वीरों में मज़दूर एम्बुलेंस से सुरक्षित बाहर निकलते दिख रहे हैं। इन मजदूरों को एम्बुलेंस के ज़रिए सीधे चिन्यालीसौड़ के स्वास्थ्य केंद्र लाया जा रहा है। जहाँ डॉक्टर्स की निगरानी में उनका यहां इलाज किया जाएगा।

इससे पहले ज़ोजिला टनल प्रोजेक्ट के प्रमुख हरपाल सिंह ने बताया था कि ‘सफलता मिल गयी है, मजदूर नज़र आ रहे हैं।’ उन्होंने कहा है कि ‘अगर सब कुछ ठीक ढंग से हुआ तो आप आधे घंटे के अंदर पहले मजदूर को सुरंग से बाहर निकलते हुए देखेंगे।’ मजदूरों को स्ट्रेचर पर लिटाकर पाइपों के ज़रिए बाहर लाया जा रहा है। इन स्ट्रेचरों के नीचे पहिए लगे हुए हैं ताकि उसे पाइप के अंदर से आसानी से खींचा जा सके।

ये हादसा आज से लगभग 17 दिन पहले दिवाली के दिन हुआ था। उस वक़्त ये मजदूर इसी सुरंग में काम कर रहे थे। लेकिन सुरंग धंसने के साथ ही मजदूर 70 मीटर लंबी मलबे की दीवार के पीछे धंस गए। इसके बाद धीरे-धीरे मलबे को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद ली गयी है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को बताया है कि सुरंग में पाइप डालने का काम पूरा हो गया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने स्वास्थ्य केंद्र के अंदर की एक तस्वीर भी साझा की है, जिसमें बताया गया है कि मज़दूरों के लिए बेड तैयार कर लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) और पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे भी वहां मौजूद हैं। वे कुछ देर पहले सिल्क्यारा सुरंग से बाहर आए हैं। इसके साथ ही सुरंग के बाहर एम्बुलेंस, स्ट्रेचर और डॉक्टर भी तैयार खड़े हैं। मज़दूरों को जैसे ही बाहर निकाला जाएगा, उन्हें डॉक्टर के निरीक्षण में रखा जाएगा।

इससे पहले बचाव अभियान से जुड़ी ज़िम्मेदारियां संभाल रहे अतिरिक्त सचिव (तकनीकी, सड़क और परिवहन) महमूद अहमद ने बताया था कि ‘कुल 86 मीटर में से वर्टिकल ड्रिलिंग 44 मीटर तक हो गयी है। हर विकल्प पर काम लगातार चल रहा है। टीएचडीएस ने भी सुबह से सात ब्लास्ट किए हैं।’ बताते चले कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में बन रही यह सुरंग 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 890 किलोमीटर लंबे चार धाम प्रॉजेक्ट का हिस्सा है। इसके तहत उत्तराखंड में मौजूद चार अहम हिंदू धर्म स्थलों को डबल-लेन हाइवे से जोड़ा जा रहा है। सुरंग के मुहाने में 60 मीटर तक गिरे मलबे को हटाने और अंदर फंसे मज़दूरों को पाइप से रेंगते हुए बाहर निकाला जा रहा है। इस कोशिशों में कई अड़चनें आई जैसे कि ड्रिलिंग कर रही मुख्य मशीन ही ख़राब हो गई है।

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