अखिलेश, मायावती, संजय राऊत ने जताया फिर ईवीएम पर शंका, बोले अखिलेश ‘अमेरिका, जापान के तरह बैलेट से हो चुनाव, बोले संजय राऊत ‘महज़ एक चुनाव बैलेट पेपर से हो जाए, ताकि शंका दूर हो जाए’

शाहीन बनारसी

डेस्क: अखिलेश यादव ने वाराणसी में लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद किया। उन्होंने ‘हर घर बेरोजगार-मांगे रोजगार’ नारा देकर मिशन 2024 की शुरुआत की। इस बीच हुवे पांच राज्यों पर चुनावी नतीजो पर चर्चा करते हुवे एक बार फिर से ईवीएम का मुद्दा उठाते हुवे ईवीएम पर शक ज़ाहिर किया है। वही संजय राऊत ने कहा है कि एक बार बैलेट पेपर से चुनाव हो जाए ताकि लोगो का ईवीएम पर शंका खत्म हो जाए। इसके पहले मायावती ने भी ईवीएम पर सवाल उठाये थे।

अखिलेश यादव ने ईवीएम को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अमेरिका और जापान की तरह भारत में भी बैलट पेपर से चुनाव होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र मजबूत तब ही होगा जब चुनाव अमेरिका और जापान की तरह होंगे। वहां वोटों की काउंटिग महीनों में होती है। अगर वोट एक महीना में डलता है, तो  काउंटिंग भी एक महीने होती है। अगर अमेरिका और जापान में बैलट पेपर की व्यवस्था है, तो हमें भी वही अपनाना चाहिए। आखिर किस बात की जल्दी रहती है भाई। काउंटिंग समय लेकर करें, एकदम तुरंत नहीं।’

इससे पहले मायावती ने सवाल उठाते हुए कहा था कि जो चुनाव नतीजे सामने आए हैं, उनका गले से नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल है। उन्होंने X पोस्ट कर लिखा, ‘विधानसभा चुनाव के परिणाम एक पार्टी के पक्ष में एकतरफा होने से सभी लोगों का शंकित, अचंभित व चिंतित होना स्वाभाविक है। क्योंकि, चुनाव के पूरे माहौल को देखते हुए ऐसा विचित्र परिणाम लोगों के गले के नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल है।’ मायावती ने आगे लिखा है कि ‘पूरे चुनाव के दौरान माहौल एकदम अलग व कांटे के संघर्ष जैसा दिलचस्प था। लेकिन चुनाव परिणाम उससे बिल्कुल अलग होकर पूरी तरह से एकतरफा हो जाना, यह ऐसा रहस्यात्मक मामला है जिसपर गंभीर चिंतन व उसका समाधान जरूरी है। लोगों की नब्ज पहचानने में भयंकर ‘भूल-चूक’ चुनावी चर्चा का नया विषय है।’

वहीं शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा है कि ‘चार राज्यों में जनता का जनादेश आ चुका है। तेलंगाना में अलग जनादेश है और बाकी तीन राज्यों में अलग। BJP ने भारी जीत दर्ज की। जनादेश का स्वागत किया जाना चाहिए। लेकिन हम हमेशा कहते हैं- लोगों के मन में संदेह है कि यह कैसे संभव है, खासकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में। हम कहते हैं कि अगर संदेह है, तो उसे दूर कर दो। एक चुनाव बैलेट पेपर के जरिए हो। बस एक चुनाव- और इससे लोगों का संदेह दूर हो जाएगा।’

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