एशियन ब्रिज इंडिया और ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान की ओर से 16 दिवसीय महिला हिंसा विरोधी पखवारे के तहत अंबेडकर परिनिर्माण दिवस का हुआ आयोजन
शाहीन बनारसी
वाराणसी: एशियन ब्रिज इंडिया और ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान की ओर से 16 दिवसीय महिला हिंसा विरोधी पखवाडे के अंतर्गत अंबेडकर परिनिर्माण दिवस पर सभा का आयोजन किया गया। बताते चले कि विश्व स्तर पर 25 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक 16 दिवसीय महिला हिंसा विरोधी पखवारा मनाया जाता है। उसी कड़ी में ग्रामीण पुनर्निर्माण संसथान, आजमगढ़ और एशियन ब्रिज इंडिया, वाराणसी द्वारा संयुक्त रूप साधिका संस्था के सहयोग से 16 दिवसीय महिला हिंसा विरोधी पखवारा की शुरुआत कल्लीपुर, नागेपुर, मुबारकपुर, बेनीपुर वाराणसी में किया जा रहा है। लगातार सभा, मोमबत्ती जुलूस, रैली सभा का आयेजन किया जा रहा है।
इसी क्रम में अंबेडकर परिनिर्माण दिवस पर सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरिता के द्वारा अतिथियों का स्वागत करने के पश्चात बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम में आए कल्लीपुर के प्रधान जय प्रकाश पटेल ने अपने वक्तव्य में कहा कि डॉक्टर अम्बेडकर को संविधान का जनक कहा जाता है। 06 दिसंबर 1956 को उनकी मृत्यु हुई थी। हर साल 06 दिसंबर के दिन को बाबा साहेब की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का कारण है, बाबा साहेब को सम्मान और श्रद्धांजलि देना।
नट समुदाय से प्रेम जी कहा कि संत कबीर, संत रैदास और बुद्ध जैसे लोगों ने जातिवाद को समाप्त करने की मुहिम चलाई उनके बाद आए बाबा साहब आए और उनसे बेहतर काम किया। देश और समाज को बेहतर करने के संविधान का निर्माण कराया, वोट देने का अधिकार दिया। जय भीम क्यों बोला जाता है, उसके मकसद पर भी उन्होंने रौशनी डाला। ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान से दीक्षा ने कहा कि ‘जब तक समाज में महिला हिंसा होती रहेगी और लिंग के आधार पर महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता रहेगा, तब तक देश का सम्पूर्ण विकास संभव नहीं है।’
उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकारों को पाने के लिए पुरुषों और युवाओं को आगे आना होगा। घर के काम से लेकर अधिकारों को पाने की लड़ाई तक हर कदम में साथ देना होगा। ये बहुत ही ज़रूरी है की भारत के हर व्यक्ति को समझना होगा कि लिंग आधारित हिंसा क्या होती है और उसको रोकने में उनकी क्या भूमिका होगी, तभी हम सही मायने में एक सभ्य समाज का निर्माण कर सकते है।
प्रेरणा कला मंच के साथियों की ओर से गीत नदी तू बहती रहना और नाटक का मंचन ‘कमला का कमाल’ जो बालिका शिक्षा पर आधारित रहा। कार्यक्रम के समापन से पहले एक और नाटक ‘नशा मुक्ति’ का मंचन किया। इन दोनों नाटक के माध्यम से महिला हिंसा रोकथाम पर संदेश दिया। कार्यक्रम में महिला कल्याण विभाग से रेखा, कस्तूरबा सेवा समिति से पूजा और कल्लीपुर पंचायत के जागरूक साथी विजय ने भी अपना वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का धन्यवाद प्रोग्राम समन्वयक एशियन ब्रिज इंडिया, वाराणसी ने किया गया। आज के कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शिवांगी, साहिल, अनुज, विजय, किरन, दीपक और राज आदि शामिल रहे।