अमित शाह को इतिहास की जानकारी नही है, वह मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते है: राहुल गांधी
आदिल अहमद
डेस्क: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता सांसद राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें शायद इतिहास की जानकारी नहीं है और वो लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से हटाना चाहते हैं। उन्होंने अमित शाह को याद दिलाया है कि पंडित नेहरू ने देश के लिए अपना जीवन दे दिया। मगर अमित शाह को इतिहास की जानकारी नही है।
राहुल गांधी ने कहा कि ‘पंडित नेहरू ने (देश के लिए) अपनी लाइफ़ दे दी। सालों जेल में रहे। अमित शाह जी को शायद हिस्ट्री नहीं मालूम। पूरा ध्यान बांटने की कोशिश है। मूल मुद्दा जाति जनगणना और जो भागेदारी है इस देश की, जो धन देश का है, वो किसके हाथ में जा रहा है, ये मूल मुद्दा है। इस पर ये लोग बात नहीं करना चाहते। इससे डरते हैं।’
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत के लिए अपनी जिंदगी दे दी, सालों जेल में रहें। गृह मंत्री अमित शाह को शायद इतिहास नहीं मालूम… ये बात केवल भ्रमित करने के लिए की गई है। मूल मुद्दा जातीय जनगणना, भागीदारी और देश का धन किसके हाथों में… pic.twitter.com/0YAgOZeOPL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 12, 2023
बताते चले कि गृह मंत्री अमित शाह ने बीते हफ़्ते लोकसभा में नेहरू का ज़िक्र किया था। जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर बहस के दौरान अमित शाह ने नेहरू पर ‘दो बड़ी ग़लतियां करने’ का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, ‘दो बड़ी ग़लतियां (पूर्व पीएम) पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री काल में उनके लिए हुए निर्णयों से हुईं, जिसके कारण कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा।’
उन्होंने कहा, ‘पहला है, जब हमारी सेना जीत रही थी तब युद्धविराम की घोषणा करना। सीज़फायर लगाया गया, अगर तीन दिन बाद सीज़फायर होता तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर आज भारत का हिस्सा होता। दूसरा है अपने आंतरिक मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना।’ उनके बयान को लेकर विपक्ष के नेताओं ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया था।
इसके बाद सोमवार को भी अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान कहा कि ‘एक बात तो सर्वविदित है कि अगर असामयिक युद्धविराम नहीं हुआ होता तो आज पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) नहीं होता….! मैं एक बयान पढ़ना चाहूंगा….! यह जवाहरलाल नेहरू का उद्धरण है। उनको तो मानोगे या नहीं मानोगे कि उन्होंने गलती की है। इसे स्वीकार करें….!’