बिहार के दरभंगा स्थित श्यामा मन्दिर में बली देने की परम्परा पर रोक ने लिया सियासी रंग

अनिल कुमार

डेस्क: बिहार के दरभंगा ज़िले स्थित श्यामा मंदिर में बलि देने की परंपरा पर रोक लगाने से शुरू हुआ विवाद सियासी रुख अख्तियार करने लगा है। इस मामले में अब भाजपा भी कूद पड़ी है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि सनातन धर्म में बलि की प्रथा आदिकाल से रही है। गिरिराज सिंह का कहना है, ‘ट्रस्ट की तरफ से कहा गया है कि श्यामा मंदिर में बलि देना बंद किया जाए। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या बकरीद पर इसे बंद करा सकते हैं। बलि प्रथा भी हमारे यहां धर्म है, परिपाटी है।’

दरभंगा ज़िले का श्यामा मंदिर दरभंगा राज परिवार से जुड़ा मंदिर है। यह हिन्दू देवी ‘काली’ का मंदिर है, जो इलाक़े में काफ़ी प्रसिद्ध है। मिथिलांचल की परंपरा और संस्कृति के जानकारो की माने तो मान्यता है कि यह मंदिर महाराज महेश्वर सिंह की चिता पर महाराज कामेश्वर सिंह ने 1929 में राजा बनने के बाद बनवाया था। यहां राज परिवार का निजी श्मशान है। यह मंदिर पहले कामेश्वर सिंह धार्मिक न्यास के अधीन था, जिसे बिहार सरकार ने अधिगृहित कर लिया।

जानकारों के अनुसार बलि प्रथा मिथिला में आदिकाल से चल रही है और मंदिर तांत्रिक सिद्ध पीठ है। ऊपर से यह श्मशान है। यहां शुरुआत से ही चिता साधना होती थी। काली माई के मंदिर में जो बलि दी जाती है, वह अलग है और श्मशान में साधना कर जो बलि दी जाती है, वह अलग है। यहां दोनों को मिला दिया गया है, यह किसी की निजता का भी उल्लंघन है और धार्मिक भावनाओं से भी खिलवाड़ है।

उनका आरोप है कि इस श्मशान में न्यास बोर्ड ने कुछ दिन पहले देवोत्थान की पूजा भी कराई थी, ऐसा आज तक नहीं हुआ कि किसी श्मशान में देवोत्थान की पूजा हुई हो। हमने इस मामले में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन से संपर्क करने की कोशिश की। इस प्रक्रिया में हमने उन्हें कई बार फोन और मैसेज़ करके संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन उनकी ओर से ख़बर लिखे जाने तक किसी तरह का उत्तर नहीं आया है।

वहीं, बिहार में सत्तारूढ़ दल जदयू के प्रवक्ता और इस बोर्ड के सदस्य नीरज कुमार ने कहा है कि बलि पर रोक लगाने का फ़ैसला पूरी तरह ग़लत है। वहां, सदियों से बलि प्रथा चल रही है और उस परंपरा का सम्मान ज़रूरी है। नीरज कुमार जनता दल यूनाइटेड के विधान परिषद सदस्य भी हैं। उनका आरोप है कि बोर्ड एक स्वतंत्र संस्था है और इसके अध्यक्ष ने बिना किसी मीटिंग के ख़ुद ही बलि प्रथा पर पाबंदी का आदेश जारी किया है। नीरज कुमार इस मामले में बिहार स्टेट बोर्ड ऑफ़ रिलिजियस ट्रस्ट सदस्यों आचार्य किशोर कुणाल, रणवीर नंदन और बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बेचौल पर मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगा रहे हैं।

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