कुकरैल रिवर फ्रंट निर्माण निर्माण हेतु पुलिस बल के साथ बुल्डोज़र कार्यवाही करने अकबरनगर पहुची एलडीए की टीम, विरोध प्रदर्शन के बीच कथित भाजपा नेता ने महिला पुलिस अधिकारी की पकड़ी गिरेबान, तस्वीर हुई वायरल
मो0 शरीफ
लखनऊ: कुकरैल रिवर फ्रंट निर्माण के क्रम में अतिक्रमण हटाने के क्रम में लखनऊ के अकबरनगर पहुची कल गुरूवार को पुलिस बल के साथ एलडीए ने बुल्डोजर की कार्रवाई शुरू हुई। इसको लेकर नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसी बीच बीजेपी का फटका पहने एक नेता की पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हो गई। वहीं देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि बीजेपी नेता ने महिला पुलिस अधिकारी का गिरेबान (कॉलर) तक पकड़ लिया, जिसकी तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई है।
दरअसल योगी सरकार ने साबरमती की तर्ज पर लखनऊ में कुकरैल रिवर फ्रंट बनाने का निर्णय लिया है। इसको लेकर कुकरैल नदी की जमीन पर बने निर्माणों को हटाया जा रहा है। दावे के अनुसार अकबरनगर कुकरैल नदी की जमीन पर बना है। इसी को देखते हुए बुल्डोजर कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में 21 दिसंबर को एलडीए की टीम भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची थी। एलडीए अकबर नगर-1 और अकबर नगर-2 में बने अवैध निर्माण को ध्वस्त करना था। तभी बुल्डोजर की कार्रवाई देख वहां मौजूद लोग अपना विरोध जताने लगे। देखते ही देखते भारी पुलिस बल और सैकड़ों की संख्या में मौजूद क्षेत्रीय लोगों के बीच झड़प भी हो गई।
बीजेपी का पटका पहने बीजेपी नेता की पुलिस वालों से कहासुनी हो गई। बीजेपी युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बताए जा रहे मंगल झा ने डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक का गिरेबां भी पकड़ लिया। इस दौरान पुलिस ने आक्रोशित लोगों को हटाने के लिए बल का भी प्रयोग किया। वहीं पुलिसकर्मियों ने बीजेपी नेता को दौड़ा कर पकड़ लिया। वहीं स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। हाई कोर्ट ने 22 जनवरी तक स्टे लगा दिया है।
उधर एलडीए की टीम ने भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर फिलहाल के लिए रोक लगा दिया है। बता दें अकबर नगर में एक हजार से ज्यादा मकान और 100 से ज्यादा दुकाने और शोरूम है, जिन्हें तोड़ा जाना है। सभी को पहले ही दुकान और मकान खाली करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
इस बुल्डोजर की कार्रवाई से नाराज लोगो का कहना है कि वो 1975 से यहां रह रहा है। अटल जी से लेकर राजनाथ सिंह को वोट देकर जिताते आए है लेकिन आज हम लोगों का ही घर उजाड़ा जा रहा है। अगर ये अवैध है तो जब इसका निर्माण हुआ तब ये लोग कहा थे। हमारे छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने लिखने वाले हैं, सबका भविष्य बर्बाद हो जाएगा। स्थानीय निवासियों ने सीएम योगी से हमारी गुजारिश है कि हम लोगों के लिए कुछ करिए। हम आपके हैं और आगे भी रहेंगे।