‘मैं नही हम’ के थीम पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की अगली बैठक 19 दिसम्बर को, सीट शेयर पर हो सकती है चर्चा
आदिल अहमद
डेस्क: विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की अगली बैठक 19 दिसम्बर को आयोजित हो रही है। ‘मैं नही हम’ थीम पर होने वाली इस बैठक में सीट शेयर पर भी चर्चा होने की संभावना है। बैठक की जानकारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश दिया है कि विपक्षी गठबंधन, इंडिया (INDIA) ब्लॉक की चौथी बैठक 19 दिसंबर को होगी। पांच राज्यों के चुनाव और उनमे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की हार के बाद इंडिया गठबंधन की यह पहली बैठक होगी।
जयराम रमेश ने इसकी जानकारी अपने एक ट्वीट में दी और साथ ही लिखा है कि ‘जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया।’ पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक में विपक्षी गुट एकता की थीम ‘मैं नहीं, हम’ होगी। इससे पहले तक 6 दिसंबर को होने वाली बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने पूर्व निर्धारित तारीख पर बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई थी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी राज्य में चक्रवात मिचौंग की स्थिति का प्रबंधन कर रहे थे।
INDIA की पार्टियों के नेताओं की चौथी बैठक मंगलवार 19 दिसंबर 2023 को नई दिल्ली में दोपहर 3 बजे से होगी।
The 4th meeting of the leaders of INDIA parties will be held on Tuesday December 19th, 2023 in New Delhi at 3pm.
जुड़ेगा भारत
जीतेगा INDIA!— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 10, 2023
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया गठबंधन के एक वर्ग ने दावा किया कि कोई अंदरूनी कलह नहीं है, लेकिन नेता 6 दिसंबर की बैठक में शामिल नहीं हो सके। हालांकि, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस के सत्ता खोने और मध्य प्रदेश में बीजेपी को हराने में विफल रहने के बाद क्षेत्रीय नेताओं की ओर से प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं आईं थी। इस बैठक में सीट-बंटवारे पर चर्चा होने की संभावना है जो कि इंडिया ब्लॉक के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाएगा। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले संयुक्त चुनाव प्रचार पर भी चर्चा हो सकती है।
गठबंधन के 27 सहयोगी पार्टियों की आखिरी बैठक सितंबर में मुंबई में हुई थी जिसमें कोर्डिनेशन कमिटी का गठन किया गया था। इंडिया गठबंधन के साझेदारों के बीच सीट-बंटवारे की बातचीत रुकी हुई थी क्योंकि कांग्रेस को तीन राज्यों में अच्छे नतीजे की उम्मीद थी जिससे उसकी बातचीत मजबूत हो सकती थी। उन राज्यों में विपक्षी दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर भी सहमति नहीं बन पाई।