महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को लेकर तेज़ हुई महाराष्ट्र में सियासत, अजीत पवार को पत्र लिख कर बोले देवेन्द्र फडणवीस ‘सत्ता आती जाती रहती है’
शाहीन बनारसी (इनपुट: सायरा शेख)
डेस्क: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नागपुर पहुंचने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी नेता और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार को पत्र लिखकर कहा है कि नवाब मलिक का सत्ताधारी गठबंधन में बने रहना उचित नहीं होगा। महाराष्ट्र में बीजेपी ने शिवसेना और राष्ट्रवादी पार्टी से अलग हुए गुटों के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई है।
Maharashtra Deputy CM Devendra Fadnavis writes to NCP leader Ajit Pawar to not include NCP leader Nawab Malik in the 'Mahayuti' (grand alliance) pic.twitter.com/5NQtNrabdw
— ANI (@ANI) December 7, 2023
इस सरकार में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं।देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार, उप-मुख्यमंत्री हैं। दरअसल, ज़मानत पर जेल से बाहर आए महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक गुरुवार को नागपुर में विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे। इसके बाद गुरुवार शाम उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री अजित पवार को चिट्ठी लिखकर ये कहा है कि नवाब मलिक का गठबंधन में रहना उचित नहीं होगा।
ये पत्र उन्होंने सोशल मीडिया पर भी साझा किया है। इस पत्र में फडणवीस ने लिखा है, ‘सत्ता आती-जाती रहती है, पर देश उससे ऊपर है। नवाब मलिक को अभी सिर्फ़ मेडिकल आधार पर ज़मानत मिली है, वो दोषमुक्त नहीं हुए हैं।’ उन्होंने लिखा कि ‘इस स्थिति में उनको महायुती (बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी गठबंधन) में रहना उचित नहीं होगा। हालांकि, उनसे हमारी कोई व्यक्तिगत शत्रुता नहीं है।’ फडणवीस ने इस पत्र में अजित पवार से कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी भावनाओं का आदर किया जाएगा।
अभी तक अजित पवार ने फडणवीस की इस चिट्ठी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पवार गुट के किसी नेता का भी कोई बयान अभी तक नहीं आया है। हालांकि, फडणवीस की इस चिट्ठी से महाराष्ट्र की राजनीति में एक और बहस शुरू हो सकती है। देवेंद्र फडणवीस इससे पहले नवाब मलिक पर भारत के भगौड़ा घोषित अपराधी दाऊद इब्राहिम से संबंध होने के आरोप लगा चुके हैं। नवाब मलिक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पुराने नेता हैं और अजित पवार के क़रीबी माने जाते हैं। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप में मुक़दमे चल रहे हैं। इन दिनों वो ज़मानत पर जेल से बाहर हैं।