सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री तौफीक बिन फौजान दौरे पर पहुचे भारत, हज और उमराह की प्रक्रिया को आसान बनाने हेतु महत्वपूर्ण है यह दौरा
आदिल अहमद
डेस्क: सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री तौफीक बिन फौजान अल राबिया भारत की यात्रा पर हैं। दिल्ली स्थित सऊदी अरब के दूतावास ने बताया कि हज और उमरा को लेकर भारत के साथ बेहतर कॉर्डिनेशन बनाने के लिए उनके मंत्री भारतीय नेताओं से मुलाकात करेंगे। मंत्री तौफीक की भारत यात्रा का मकसद उस पूरी प्रक्रिया को भी आसान करना है, जिससे होकर ही भारतीयों को हज और उमरा के लिए इजाजत मिलती है।
सऊदी अरब हर साल हज यात्रा के लिए एक लिस्ट जारी करता है, जिसमें हर देश का एक कोटा होता है, यानी वह सीमित संख्या में ही किसी भी देश के लोगों को हज करने की अनुमति देता है। पिछले दशक में औसतन हर बरस 25 लाख मुसलमानों ने हज किया है।
इस्लाम धर्म के आख़िरी पैग़ंबर हज़रत मोहम्मद (स0व0) को अल्लाह ने कहा कि वो काबा को पहले जैसी स्थिति में लाएँ और वहाँ केवल अल्लाह की इबादत होने दें। साल 628 में पैगंबर मोहम्मद (स0व0) ने अपने 1400 अनुयायियों के साथ एक यात्रा शुरू की। इस्लाम के कुल पाँच स्तंभ होते है। जिसमे तौहीद, नमाज़, रोजा, ज़कात और हज है। इस्लाम के अनुसार हर मुसलामन जो आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम हो वह जीवन में एक बार हज ज़रूर करे। हज के नियमो में तमाम फ़रायज़ जीवन के पूरा करना अथवा उसका इंतज़ाम करना आवश्यक होता है। जैसे बच्चो के लिए अपनी समस्त जिम्मेदारियों को पूरा कर लेना या उसकी व्यवस्था कर देना आदि।
इस्लाम की मान्यता है कि हज पर जाने से पहले समाज के अपने जानने पहचानने वालो से अपनी समस्त गलतियों हेतु माफ़ी मांग लेना अतिआवश्यक है। मान्यता है कि हज के बाद तमाम गुनाहों से इंसान पाक हो जाता है। मुसलमानों के लिए इस्लाम के ये पाँच स्तंभ काफ़ी मायने रखते हैं। ये स्तंभ पाँच संकल्प की तरह हैं। इस्लाम के मुताबिक़ जीवन जीने के लिए ये काफ़ी अहम हैं।
जब पैगंबर अब्राहम फ़लस्तीन से लौटे, तो उन्होंने देखा कि उनका परिवार एक अच्छा जीवन जी रहा है और वो पूरी तरह से हैरान रह गए। मुसलमान मानते हैं कि इसी दौरान पैगंबर अब्राहम को अल्लाह ने एक तीर्थस्थान बनाकर समर्पित करने को कहा। अब्राहम और इस्माइल ने पत्थर का एक छोटा-सा घनाकार इमारत निर्माण किया। इसी को काबा कहा जाता है। अल्लाह के प्रति अपने भरोसे को मज़बूत करने को हर साल यहाँ मुसलमान आते हैं।