इसराइली सेना ने गज़ा के फलस्तीनियों को जिस स्थल पर जाने को कहा वह हीथ्रो से भी छोटी जगह है

शाहीन बनारसी

डेस्क: इसराइल हमास जंग के बीच मानवीयता के आधार पर इसराइल ने आम नागरिको को एक ऐसे जगह जाने को कहा है जो बेहद छोटी है। ग़ज़ा में जारी संघर्ष के बीच इसराइली सेना ग़ज़ा के लोगों से लगातार एक मानवीय ज़ोन की तरफ़ जाने को कह रही है। ग़ज़ा के बीस लाख लोगों को जिस इलाक़े में जाने के लिए कहा जा रहा है वो क्षेत्रफल में लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से भी छोटा है। इसराइली सेना चाहती है कि ऐसे छोटी सी जगह पर गज़ा के निवासी चले जाए।

जिस अल मवासी इलाक़े में जाने के लिए फ़लस्तीनी लोगों से कहा गया है वह भूमध्य सागर के किनारे ज़मीन की एक पतली पट्टी है। यहां गिनी-चुनी इमारतों के अलावा रेत के टीले और कृषि भूमि है। इसराइल की सेना ने इसे सुरक्षित ज़ोन घोषित किया है। लेकिन इसका क्षेत्रफल मात्र 8।5 वर्ग-किलोमीटर है। 7 अक्तूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से क़रीब 18 लाख फ़लस्तीनी लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।

गज़ा के फलिस्तीनी नागरिको का कहना है कि अल मवासी इंसानों के रहने लायक इलाक़ा नहीं है। उन्हों लगा था कि इस इलाक़े में कुछ सुरक्षा होगी, लेकिन जब वो यहां पहुंची तो पाया कि यहां मूलभूत सुविधायें भी नहीं हैं। यहां एक दिन पानी आता है और अगले दस दिनों तक नहीं आता। बाथरूम में भी पानी नहीं है। यही हाल बिजली का है। दो दिसंबर के बाद से आईडीएफ़ ने कम से कम पंद्रह बार लोगों से अल-मवासी इलाक़े में जाने की अपील सोशल मीडिया पर जारी की है। ग़ज़ा के अधिकतर इलाक़ों में बिजली, पानी और कनेक्टिविटी नहीं है।

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