केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा ‘एनसीईआरटी संविधान में निहित भावना को स्वीकार करता है और इंडिया, भारत दोनों को मान्यता देता है’
ईदुल अमीन
डेस्क: पिछले दिनों इंडिया और भारत को लेकर जारी बहस के बीच अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि एनसीईआरटी इन दोनों के बीच कोई फ़र्क नहीं करता। मंत्रालय ने कहा है कि एनसीईआरटी संविधान में निहित भावना को स्वीकार करता है और इंडिया, भारत दोनों को मान्यता देता है।
ये जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में सीपीआई (एम) सांसद इलामारम करीम के पूछे एक सवाल के जवाब में दी है। सीपीआई (एम) सांसद ने एनसीईआरटी पैनल की उस सिफारिश के संबंध में सवाल पूछा था जिसके मुताबिक़ एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया का नाम बदलकर भारत करने की बात कही गई थी। जवाब में अन्रपूर्णा देवी ने कहा, ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि ‘इंडिया’ यानी भारत, राज्यों का एक संघ होगा।’ भारत का संविधान ‘इंडिया’ और ‘भारत’ दोनों को देश के आधिकारिक नामों के रूप में मान्यता देता है जिनका उपयोग परस्पर किया जा सकता है।
एनसीईआरटी हमारे संविधान में निहित इस भावना को विधिवत स्वीकार करती है और दोनों के बीच अंतर नहीं करती है।’ बीते अक्तूबर महीने में एनसीईआरटी के एक पैनल ने सभी पाठ्यपुस्तकों में इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव दिया था।