राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार पर हमलावर भाजपा को कांग्रेस ने दिया पलट कर जवाब, कहा ‘क्या भगवान के मंदिर में निमंत्रण से जाया जाता है?’
तारिक़ खान
डेस्क: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार के बाद कांग्रेस पर बीजेपी कई तरह के आरोप लगा रही है। इन आरोपों पर कांग्रेस नेताओं की तरफ़ से प्रतिक्रिया आई है। बीजेपी के कुछ नेताओं का आरोप है कि प्राण प्रतिष्ठा के न्योते को ठुकराना कांग्रेस की सनातन विरोधी मानसिकता को दिखाता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘मैंने 6 तारीख को ये बयान दिया था। आस्था रखने वाले लोग आज, कल और परसों भी जा सकते हैं। फिर भी बीजेपी पलट-पलट के वही सवाल कर रही है। ये ठीक नहीं है। ये बीजेपी का षड्यंत्र है और बीजेपी इसी मुद्दे को बार-बार उठा रही है। मैं तो इस बारे में 10 दिन पहले बोल चुके हैं। हमारा किसी व्यक्ति को, धर्म को, किसी गुरु को दुख पहुंचाना हमारा मुद्दा नहीं है। हमारा मुद्दा है कि मोदी जी जनता के लिए क्या कर रहे हैं।’
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस द्वारा राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "मैंने 6 तारीख को बयान दिया था…आस्था रखने वाले लोग आज, कल और परसों भी जा सकते हैं…फिर भी बीजेपी पलट-पलट के वही सवाल कर रही है। ये… pic.twitter.com/mK8FCPpg9L
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2024
इन आरोपों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ‘क्या भगवान के मंदिर में निमंत्रण से जाया जाता है? किस तारीख को किस श्रेणी का व्यक्ति मंदिर जाएगा, क्या यह एक राजनीतिक दल तय करेगा? क्या एक राजनीतिक दल तय करेगा कि मैं अपने भगवान से मिलने कब जाऊं? किसी भी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का एक विधि विधान होता है, धर्म शास्त्र होते हैं। चारों पीठों के शंकराचार्य स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती। ऐसे में अगर यह कार्यक्रम धार्मिक नहीं है, तो यह कार्यक्रम राजनीतिक है।’
क्या भगवान के मंदिर में निमंत्रण से जाया जाता है?
किस तारीख को किस श्रेणी का व्यक्ति मंदिर जाएगा, क्या यह एक राजनीतिक दल तय करेगा?
क्या एक राजनीतिक दल तय करेगा कि मैं अपने भगवान से मिलने कब जाऊं?
न इंसान किसी को मंदिर में बुला सकता है और न इंसान किसी को मंदिर जाने से रोक सकता… pic.twitter.com/1EqnfscduM
— Congress (@INCIndia) January 12, 2024
वहीं, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय है। फिर इसका इतना वीभत्स राजनीतिकरण क्यों किया जा रहा है? धार्मिक अनुष्ठानों में राजनीति करना सर्वथा गलत है। यही कारण है कि आज हिंदू धर्म के चार शंकराचार्यों ने फैसला लिया है कि वो अयोध्या नहीं जाएंगे।’