‘दखल’ ने मनाया देश की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख की जयंती
मिस्बाह बनारसी
वाराणसी: महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ महिला छात्रावास परिसर में ‘दख़ल संगठन’ की ओर से देश की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका फ़ातिमा शेख़ की 193वीं जयंती मनाई गयी। कार्यक्रम की शुरुआत फ़ातिमा शेख के चित्र पर मुख्य अतिथि डॉ0 अनूप श्रमिक के हाथों माल्यार्पण करके की गयी। छात्राओं ने भी पुष्पार्पण किया।
मुख्य अतिथि डॉ अनूप ने बताया की फ़ातिमा शेख आज फ़ातिमा शेख़ का जन्मदिन है। फातिमा शेख, भारतीय इतिहास में एक खोई हुई शख्सियत हैं। 19वीं सदी के महाराष्ट्र में एक अग्रणी शिक्षिका, जाति-विरोधी कार्यकर्ता, लड़कियों की शिक्षा की हिमायती और समाज सुधारक थीं। भारी विरोध के बावजूद, उन्होंने सावित्री बाई फुले और ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर देश में पहला लड़कियों का स्कूल शुरू किया। आज हम उनकी 193वीं जयंती मना रहे हैं।
बताते चले कि फातिमा शेख को पहली मुस्लिम महिला शिक्षक माना जाता है, उन्होंने समाज सुधारक ज्योतिराव और सावित्री बाई फुले के साथ काम किया। फातिमा शेख ने 1948 में ज्योतिराव और सावित्री बाई फुले के साथ मिलकर एक पुस्तकालय की भी स्थापना की थी। यह भारत में लड़कियों के लिए पहले स्कूलों में से एक था। स्वदेशी पुस्तकालय फातिमा और उनके भाई उस्मान के घर में खोला गया था। फातिमा शेख का जन्म 9 जनवरी, 1831 में पुणे में हुआ था। वह अपने भाई उस्मान के साथ रहती थीं। फातिमा शेख ने निचले तबके के लोगों को शिक्षित करने के लिए काम किया। सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख जिन्हें धर्म, लिंग के आधार पर शिक्षा से वंचित रखने की कोशिश की गई उन्होंने दलित और मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को पढ़ाया।
फातिमा शेख ने घर-घर जाकर मुस्लिम समुदाय और दलित समुदाय के लिए स्वदेशी पुस्तकालय में सीखने के लिए प्रोत्साहित किया। इस काम के लिए उन्हे कई बार भारी विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन शेख और उनके सहयोगी डटे रहे। फातिमा शेख ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ अनूप श्रमिक ए कहा कि आज भी समाज में वंचित तबके की स्थिति बहुत सही नहीं हुई है। दलित महिला उत्पीड़न के किस्से रोज अख़बार में छपते हैं। जातीगत भेदभाव, महिलाओ के साथ भेदभाव समाज में बढ़ ही रहे हैं। हमे आपको शिक्षा पाकर समाज की सेवा करनी है। इसे आगे लेकर जाना है। दूसरी सावित्री बाई फुले दूसरी फातिमा शेख बनना है। कार्यक्रम का संचालन शिवांगी ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अंजू प्रीति, जान्हवी, शुभ्रा, डॉ इंदु पांडेय, नीति, शिवांगी, सिस्टर फ़्लोरिना, आर्या, अनुज, दीक्षा, सना, धनन्जय, वैभव मौर्या आदि शामिल रहे।