बोले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन- ‘राम मंदिर के खिलाफ़ नहीं है बल्कि एक ‘मस्जिद ढहा कर मंदिर बनाने’ के खिलाफ़ है’
आदिल अहमद
डेस्क: डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा है कि उनकी पार्टी अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के खिलाफ़ नहीं है बल्कि एक ‘मस्जिद ढहा कर मंदिर बनाने’ के खिलाफ़ है। गुरुवार को उदयनिधि ने चेन्नई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘एम करुणानिधि ने कहा था कि डीएमके किसी धर्म विशेष या आस्था के ख़िलाफ़ नहीं है।’
उन्होंने 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा , “हमें वहां मंदिर बनने से कोई समस्या नहीं है। हम मस्जिद को ध्वस्त करने के बाद मंदिर बनाने से सहमत नहीं हैं।” उदयनिधि ने कहा, “हमारे कोषाध्यक्ष (टी आर बालू) पहले ही कह चुके हैं कि आध्यात्म और राजनीति को एक साथ मिलाना गलत है।”
बताते चले 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, मोदी सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 22 जनवरी को हाफ़-डे करने का एलान किया है। इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित कई लोग शामिल हो रहे हैं।
हालांकि कांग्रेस ने कहा है कि वह इस आयोजन में शामिल नहीं होगी। उसका तर्क है कि मोदी सरकार इस आयोजन को धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक बना रही है और इसलिए वो ‘बीजेपी के इस आयोजन’ में शामिल नहीं होंगे। वही एनसीपी नेता शरद पवार ने भी कहा है कि वो 22 जनवरी के बाद रामलला के दर्शन करेंगे। उत्तराखंड पीठ के शंकराचार्य ने भी इस आयोजन में शामिल होने के इनकार किया है।