महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर बोले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ‘स्पीकर का फैसला लोकतंत्र की हत्या, सुप्रीम कोर्ट का अपमान’, बोले संजय राउत शिवसेना को खत्म करना भाजपा का सपना था, हम सुप्रीम कोर्ट जायेगे’
तारिक़ खान
डेस्क: महाराष्ट्र अध्यक्ष की तरफ़ से आए फ़ैसले के बाद पहली बार महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के प्रमुख उद्धठ ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उद्धव ठाकरे ने अध्यक्ष के फ़ैसले को लोकतंत्र की हत्या और सुप्रीम कोर्ट का अपमान बताया है। उन्होंने कहा, ‘हम जनता के बीच जाएंगे….! हम लोगों के बीच जा भी रहे हैं और हम जनता के लिए, जनता को साथ लेकर लड़ेंगे।’
#WATCH | Former Maharashtra CM Uddhav Thackeray says, "We will go among the people…We have been going among the people & we will fight together along with the people of the state…" pic.twitter.com/WJweypm76S
— ANI (@ANI) January 10, 2024
वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी अपन प्रतिक्रिया दी है। पवार ने कहा, ‘इस फ़ैसले के बाद, उद्धव सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्हें उम्मीद है कि वहां न्याय मिलेगा।’ महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फ़ैसले के बाद शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने कहा है कि ये बीजेपी का षड्यंत्र था।
#WATCH | Maharashtra Assembly Speaker rules Shinde faction the real Shiv Sena | Shiv Sena (UBT faction) leader Sanjay Raut says, "…This is BJP's conspiracy & this was their dream that one day we would finish Balasaheb Thackeray's Shiv Sena. But Shiv Sena won't finish with this… pic.twitter.com/GhFzNhIjrA
— ANI (@ANI) January 10, 2024
उन्होंने कहा, ‘ये उनका सपना था कि हम एक दिन बालासाहेब ठाकरे की शिव सेना को ख़त्म कर देंगे। लेकिन शिव सेना इस फ़ैसले से ख़त्म नहीं होगी….! हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।’ उधर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि स्पीकर के फ़ैसले पर उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ।
VIDEO | "The decision doesn't come as a surprise. Today's decision by the Speaker goes against the spirit of the Supreme Court order eight months back," says Shiv Sena (UBT) leader @priyankac19 after Maharashtra Assembly Speaker terms Eknath Shinde-led faction as real Shiv Sena. pic.twitter.com/8xD7PDDaoa
— Press Trust of India (@PTI_News) January 10, 2024
उन्होंने इस फ़ैसले को आठ महीने पहले आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भावना के ख़िलाफ़ बताया है। उन्होंने कहा, ‘बचपन से हम सुनते आए हैं कि जो होता है मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है, चूंकि हम गणतंत्र हैं इसलिए यहां जो होता है वो संविधान से होता है। लेकिन 2014 से एक नई परंपरा शुरू हुई है….! जो होता है मंज़ूर-ए-अमित शाह और नरेंद्र मोदी होता है।’