एशियन ब्रिज इंडिया और ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ ‘हिंसा मुक्त समाज में मिडिया की भूमिका का युवाओं पर प्रभाव’ पर मीडिया संवाद कार्यक्रम
शाहीन बनारसी
वाराणसी: आज दिनांक 19 जनवरी 2024 को एशियन ब्रिज इंडिया, वाराणसी और ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान, आजमगढ़ के तत्वाधान में एक दिवसीय मीडिया संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका विषय था ‘हिंसा मुक्त समाज में मिडिया की भूमिका का युवाओं पर प्रभाव। इस संवाद कार्यक्रम में कई वरिष्ठ पत्रकारों ने अपनी सहभागिता निभाई।
एशियन ब्रिज इंडिया संस्था के प्रमुख मोहम्मद मूसा आज़मी ने कार्यक्रम की शुरुआत पत्रकारों और युवाओं का स्वागत करते हुए संस्था के कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ‘शाधिका’ के सहयोग से ये दोनों सामाजिक संस्थाएं विगत 4 वर्षों से वाराणसी जनपद में पुरुषों लडकों के साथ जेंडर और महिला हिंसा को समाप्त करने जैसे विषयों पर सघन रूप से कार्य करती आ रही है। जिसके अंतर्गत विगत 4 वर्षों से नागेपुर, बेनीपुर, गणेशपुर और कल्लीपुर ग्राम पंचायत अराजीलाइन ब्लाक और वाराणसी जनपद के 7 इंटर कालेज एवं 5 महाविद्यालयों में जेंडर और महिला हिंसा जैसे विषयों पर सघन रूप से कार्य करती आ रही है।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए संवाद शुरु किया गया जिसमें पत्रकार और युवा साथी आमने सामने थे और मिडिया संवाद में यूवाओं द्वारा निम्नलिखित सवाल पूछे गए
- कैसी ख़बर सेलेक्ट होगी, ये तय कौन करता है?
- खबरों की प्राथमिकता कैसे तय किया जाता है?
- प्रकाशनार्थ की भाषा कैसे तय किया जाता है? जैसे- दो बच्चों की मां आशिक के साथ फरार और इसमें पुरुष को केन्द्रित नहीं किया जाता ऐसा क्यों ?
- ट्रांसजेंडर के साथ किन्नर या थर्ड जेंडर क्यों इस्तेमाल किया जाता है?
- अपनी पाठकों को प्रभावित करने के लिए कैसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं?
- वर वधु वाली पेज पर किस आधार से तय किया जाता है किसका विज्ञापन कैसा होगा?
- आप लोग अपनी राय बताएं, वर्तमान मीडिया सही दिशा में है?
- वर्तमान समय में हिंसा को समाप्त करने के लिए प्रिंट मीडिया क्या कर रही है?
- महिला हिंसा से संबंधित खबरों (बर्बर हिंसा) या रिपोर्ट (NCRB)को हाइलाइट क्यों नहीं किया जाता है?
- यौनिक हिंसा के केस में आप लोग कैसे काम करते हैं जैसे भाषा, फ़ोटो, FIR, रिपोर्ट आदि?
- आज कल पर्सनल पोर्टल या यू ट्यूबर कवरेज कर रहे मगर मुख्य धारा की मीडिया (प्रिंट मीडिया) क्यों नही दिखाती?
- महिला संबंधित बीट पर पुरुष पत्रकारों की जगह महिला पत्रकारों को ज्यादा क्यों नही रखते?
- स्थानीय स्तर पर महिला पत्रकार क्यों नहीं है?
इस संवाद कार्यक्रम में पत्रकार बंधुओं द्वारा उपरोक्त सवालों का जवाब देते हुए युवाओं को पत्रकारिता का महत्त्व बताया। युवा महिला पत्रकार शाहीन बनारसी ने महिलाओं को पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। उनको पत्रकारिता के माध्यम से भी महिलाओं के साथ साथ समाज से सभी प्रकार की हिंसा को समाप्त करने में अपनी भूमिका तलाशने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में 13 मीडिया संस्थानों से 15 पत्रकार शामिल हुए, जिसमे अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, पीएनएन 24, राष्ट्रिय सहारा, हिंदुस्तान, आज, कशीवार्ता और जनवार्ता आदि प्रमुख रहे।
कार्यक्रम के अंत में संस्था द्वारा महिला हिंसा को समाप्त करने हेतु पुरुषों के लिए बनाएं गए शपथ का पोस्टर भी दिया गया। कार्यक्रम का संचालन साहिल ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सुश्री सरिता ने किया। कार्यक्रम सरिता, साहिल, अनूज, दीक्षा, अश्वनी, अनन्या, आर्या, दीपक, जगदीश, करन, किरण, सरोज, अलका अदि ने सक्रिय भूमिका निभाई और सवाल पूछे।