‘अली डे’ पर मुस्लिम समाज ने मनाया खुशियाँ, समाजवादियो ने काटा केक, सपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष ने तकसीम किया गरीबो में बिरयानी
ए0 जावेद
वाराणसी: आज पुरे आलम-ए-इस्लाम में मौला अली का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मुक़द्दस मौके पर मौला अली के शान में कसीदे पढ़े गए और उनकी तंजीम बयान की गई। हर शहर में ही अली के चाहने वालो ने जश्न मनाया। इस मौके पर आलम-ए-इस्लाम ने एक दुसरे को मुबारकबाद दिया और एक दुसरे को गले लगाया। मौला अली के विलादत के जश्न में हर शहर में जुलूस निकले और हर शहर में ही जलसे हुवे।
शह-ए-मुश्किल कुशा हजरत अली ताउम्र खिदमत-ए-खल्क करते रहे। आपकी एक वाकया यहाँ बयां करता हु जो खिदमत-ए-खल्क की एक मिसाल आज भी जामने के लिए है। एक फ़कीर का गुज़र एक रस्ते से हो रहा था और वह भूखे को खाना खिलाने की सदा लगा रहे थे। रस्ते में एक जगह फ़कीर की नज़र पड़ती है एक शख्स पर जो पानी में रोटी डूबा कर खा रहे थे, रोटी खा रहे शख्स ने उस फ़कीर को रोका और कहा वह सामने हसन और हुसैन का घर है, आप वहा सदा लगाये, आपको भरपेट खाना मिल जायेगा।
गोया फ़कीर उस दर पर जाकर सदा लगाते है और हसन-हुसैन उस फ़कीर को पेट भर अच्छा खाना खिलाते है। खाना खाने के बाद फ़कीर ने एक और फ़रियाद किया और कहा कि सामने एक शख्स जिन्होंने मुझे इस घर का पता बताया वह पानी से सुखी रोटी खा रहे है, उनको भी खाने के लिए बुला लू क्या ? जिस पर हज़रत इमाम हुसैन इरशाद फरमाते है कि वह हजरत अली है और उनका ही यह सब कुछ इन्तेज़ामात है। अब आप सोचे कि सखावत का वह मर्तबा कि खुद सुखी रोटी पानी से खा रहे थे और सवाली को भरपेट भोजन का इंतज़ाम करते थे।
जश्न-ए-आमद-ए-अली के मौके पर शहर बनारस की गलिया और कूंचे गुलज़ार थे। एक जुलूस इस मौके पर निकला जो दालमंडी-नई सड़क होते हुवे दरगाह-ए-फातमान पर मुकम्मल हुआ। जुलूस के दरमियान लोग एक दुसरे को खाने पीने की चीज़े तकसीम कर रहे थे। जुलूस के हर एक रस्ते पर सलीबे लगी थी जिस पर खजूर से लेकर पानी और चाय तक तकसीम किया जा रहा है। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी केक काट कर अली डे का जश्न मनाया। साथ ही गरीब बच्चो को बिरयानी तकसीम किया गया।
पढ़ें हजरत अली के इरशाद फरमाये 15 अनमोल वचन:
- नेक लोगों की सोहबत से हमेशा भलाई ही मिलती है क्योंकि हवा जब फूलों से गुज़रती है तो वो भी खुशबुदार हो जाती है।
- चुगली करना उसका काम होता है। जो अपने आप को बेहतर बनाने में असमर्थ होता है।
- कभी भी किसी के पतन को देखकर खुश मत हो। क्योंकि तुम्हें पता नहीं है भविष्य में तुम्हारे साथ क्या होने वाला है।
- सूरत और सीरत (चरित्र) में सबसे बड़ा फर्क ये है कि सूरत धोखा देती है जबकि सीरत पहचान करवाती है।
- आज का इंसान सिर्फ दौलत को खुशनसीबी समझता है और ये ही उसकी बदनसीबी है
- शरीर की पुष्टि भोजन है जबकि आत्मा की पुष्टि दूसरों को भोजन करानें में है।
- जो दुनिया में विश्वास रखता है। दुनिया उसे धोखा देती है।
- सब्र से जीत तय हो जाती है।
- महान व्यक्ति का सबसे अच्छा काम होता है, माफ कर देना और भुला देना।
- कम खाने में सेहत है, कम बोलने में समझदारी है, और कम सोने में इबादत है।
- जिसको तुमसे सच्चा प्रेम होगा, वह तुमको व्यर्थ और नाजायज़ कामों से रोकेगा।
- मुसीबतों से दुखी ना हो क्योंकि दुखी होना मूर्खों का काम है।
- ज़िल्लत उठाने से बेहतर है, तकलीफ उठाओ।
- इख्तियार, ताकत और दौलत ऐसी चीजें हैं जिनके मिलने से लोग बदलते नहीं बेनकाब होते हैं।
- अगर दोस्त बनाना तुम्हारी कमज़ोरी है, तो तुम दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान हो।