ये सत्ता के दुरुपयोग की आख़िरी चेतावनी: चिदंबरम
मो0 शरीफ
डेस्क: मंगलवार को चंडीगढ़ के मेयर चुनाव के नतीजे घोषित करते समय हाई-वोल्टेज हंगामा हुआ। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के आठ वोटों को अमान्य घोषित कर दिया गया और इसके साथ ही बीजेपी के उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया गया।
The Chandigarh Mayor's election should be the last warning to the people on how power can be abused
What happened in Bihar was no different from what happened earlier in Karnataka, Madhya Pradesh, Arunachal Pradesh, Manipur and Maharashtra.
The people's verdict is of no…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 31, 2024
बीजेपी के मनोज सोनकर को 16 वोट मिले। कांग्रेस-आप के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 12 वोट (मान्य) मिले। लेकिन इस चुनाव के नतीजे जिस तरह घोषित हुए और प्रीसाइडिंग ऑफिसर की जो भूमिका रही उसे देखते हुए चुनाव की निष्पक्षता पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। इन नतीज़ों को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि चंडीगढ़ का मेयर चुनाव लोगों के लिए आखिरी चेतावनी होनी चाहिए कि कैसे सत्ता का दुरुपयोग किया जाता है। उन्होंने एक्स पर ये भी लिखा- “ बिहार में जो हुआ वह पहले कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और महाराष्ट्र में जो हुआ उससे अलग नहीं है। लोगों के जनादेश का बीजेपी और आरएसएस के लिए कोई मायने नहीं रह गया है। ”
“जब तक विपक्ष नहीं होगा और लोग अलग-अलग चुनावों में अलग-अलग पार्टियों को नहीं चुनेंगे, तब तक लोकतंत्र सुरक्षित और स्थायी नहीं होगा।अपने आप से पूछिए कि वाइब्रेंट लोकतंत्रों में लोग 5 या 10 वर्षों में एक बार सरकार क्यों बदलते हैं। यह सुनिश्चित करना है कि देश एक पार्टी वाले देश में न बदल जाए जैसा कि चीन, रूस, तुर्की और कई एशियाई और अफ़्रीकी देशों में हुआ है।”
चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में इंडिया गठबंधन के पास कुल 20 वोट थे। इसी संख्या बल की मज़बूती को देखते हुए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इसे लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन के बीजेपी से पहले मुक़ाबले की तरह देख रही थी। जब मेयर चुनाव के नतीजे आए तो जीत बीजेपी की हुई।
चुनाव प्रक्रिया के दौरान के जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें देखा जा सकता है कि पीठासीन अधिकारी मतपत्रों पर हस्ताक्षर करते या कुछ लिखते हुए दिखते हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि पीठासीन अधिकारी ने ही मतपत्रों पर निशान बनाए, इन आठ वोटों को बाद में आमान्य क़रार दिया गया।