शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ने नागकूप को सौंपा महर्षि पतञ्जलि का विग्रह, बोले ब्रह्मलीन सद्गुरुदेव महाराज की इच्छा पूर्ण कर हो रहा सन्तोष
अजीत कुमार
वाराणसी: परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती ने ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती की इच्छानुसार महर्षि पतञ्जलि का विग्रह नागकूप में स्थापित करने हेतु आज कुन्दन पाण्डेय और राजीव पाण्डेय को समर्पित किया।
उक्त जानकारी देते हुए शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती की इच्छा थी कि नागकुप में महर्षि पतञ्जलि का विग्रह स्थापित हो। ब्रह्मलीन शंकराचार्य की इस इच्छापूर्ति हेतु ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ने ओडिशा से विशेष काले पत्थर का करीब 5 कुन्तल का महर्षि पतञ्जलि का अद्भुत विग्रह बनवाकर काशी मंगवाया था और आज शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में इस विग्रह को नागकुप में स्थापित करने हेतु समर्पित कर दिया।
इस असवर पर ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य ने कहा कि हमें अपने पूज्यपाद ब्रह्मलीन गुरुदेव महाराज की इच्छा को पूर्ण कर अत्यन्त सन्तोष का अनुभव हो रहा है। सनातनधर्म में महर्षि पतञ्जलि का विशेष स्थान रहा है और उनके योगदान को कभी भुलाया नही जा सकेगा। इस अवसर पर ब्रम्ह्चारी परमात्मानंद, मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय, कुंदन पाण्डेय, राजीव पाण्डेय, अविनाश, रामचन्द्र सिंह, सुजाना बहन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।