गुजरात के निकट समुन्द्र में पकड़ी गई 33 कुंटल ड्रग्स, 5 विदेशी नागरिक गिरफ्तार
ईदुल अमीन
डेस्क: भारतीय नौसेना और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मंगलवार को एक साझा अभियान में पोरबंदर के तट के क़रीब लगभग 3300 किलोग्राम ड्रग्स ज़ब्त किया है। भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर इस ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी साझा की है। नौसेना ने बताया है कि इस ऑपरेशन में 3089 किलोग्राम चरस, 158 किलोग्राम मेथम्फेटामाइन और 25 किलोग्राम मॉर्फीन ज़ब्त की गयी है।
नॉरको कंट्रोल ब्यूरो से ये इत्तेला मिली तो अरब सागर पर नशे के सौदागरों को घेरने के लिए घेरा लगाया गया…इस ऑपरेशन में इंडियन नेवी, नारको कंट्रोल ब्यूरो और गुजरात एटीएस की टीमों ने मिलकर काम किया। ये ऑपरेशन था गुजरात के कच्छ में। क्योंकि अरब सागर में गुजरात के तट से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर एक नाव पकड़ी गई जिसमें ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद हुई।
नाव पर जो ड्रग्स पकड़ी गई उसका वजन था 3100 किलो था जिसकी इंटरनेशनल ड्रग्स मार्केट में कीमत करीब 2000 करोड़ रुपये के आस पास बताई गई। जखीरे के लिहाज से यह अब तक का सबसे बड़ा ड्रग्स कंसाइनमेंट निकला। भारतीय नौसेना, एनसीबी और गुजरात एटीएस के उस ऑपरेशन में नाव से पांच लोगों को भी पकड़ा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनसीबी, नौसेना और गुजरात पुलिस को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। भारतीय नौसेना के मुताबिक़, सर्विलांस मिशन पर लगे पी8आई एलआरएमआर एयरक्राफ़्ट से मिले इनपुट्स और नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से की गयी पुष्टि के आधार पर भारतीय नौसेना के युद्धपोत को संदिग्ध नाव की ओर भेजा गया। इसके कुछ समय बाद भारतीय युद्धपोत ने संदिग्ध जहाज़ को पकड़कर इतनी भारी मात्रा में ड्रग्स ज़ब्त किया।
नौसेना ने बताया है कि मात्रा की दृष्टि से यह ड्रग्स की सबसे बड़ी बरामदगी है। संदिग्ध नाव को गुजरात के तट के पास समुद्री सीमा रेखा के क़रीब रोका गया था। इसके बाद 27 फरवरी को ही नशीली दवाओं के साथ ज़ब्त की गयी नाव और उसके चालक दल को भारतीय बंदरगाह के क़रीब क़ानून व्यवस्था संभालने में लगी एजेंसियों को सौंप दिया गया है।
एनसीबी के उप महानिदेशक (ऑपरेशंस) ज्ञानेश्वर सिंह ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय नौसेना, एनसीबी और गुजरात पुलिस की एटीएस शाखा के इस संयुक्त अभियान में लगभग 3300 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किया गया है। मात्रा और रिकॉर्ड के आधार पर ये देश का सबसे बड़ा ऑफ़शोर सीज़र है। इसमें चरस और हशीश की सबसे अधिक मात्रा ज़ब्त की गयी है। इस प्रकरण में पांच संदिग्ध विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है। इनका संबंध पाकिस्तान से होना संदेह के घेरे में पाया जा रहा है।