किसान आन्दोलन: आन्दोलनकारी किसानो ने किया पंजाब में रेल चक्का जाम, टोल नाको को करवाया गया फ्री, देखे तस्वीरे
शफी उस्मानी
डेस्क: पंजाब से दिल्ली चलो का मार्च कर रहे किसानों पर बल प्रयोग और उन्हें रोके जाने के ख़िलाफ़ गुरुवार को पंजाब में दो किसान यूनियनों ने रेल का चक्का जाम किया और राजमार्गों के टोल नाकों को फ्री कराया। भाकियू (एकता-उगरहां) और भाकियू एकता डकौंदा (धनेर) की ओर जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक पंजाब में गुरुवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक 14 जगहों पर ट्रेन रोकी और छह टोल नाकों को फ़्री कराया।
इसके साथ ही 16 फ़रवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किए गए ग्रामीण भारत बंद के आह्वान को पूरी तरह लागू करने की कॉल दी है। रेल चक्का जाम कार्यक्रम के तहत किसान जेठूके, बुढलाडा, बरनाला, सुनाम, मानसा, संगरूर, घल्ल कलां, मलोट, जगराओं, भुचो मंडी, अमृतसर वल्लापुल, राजपुरा, गुरुहरसहाय और फाजिल्का में रेलवे पटरियों पर बैठे रहे। जबकि फ़िरोज़पुर, मुक्तसर, फ़रीदकोट, मालेरकोटला, कपूरथला और मोहाली में किसान यूनियनों ने टोल नाकों को फ्री कराया।
रेल चक्का जाम का आह्वान पंजाब की दो बड़ी किसान यूनियनें बीकेयू एकता उगरहां और भाकियू एकता डकौंदा (धनेर) ने मिलकर दिया था। उल्लेखनीय है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल, पंढेर और सुरजीत सिंह फूल की बीकेयू क्रांतिकारी समेत 32 किसान यूनियनों ने 13 फ़रवरी को दिल्ली चलो का आह्वान किया था और उन्हें पंजाब हरियाणा के बीच सिंघू बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने रोक लिया है।
आज इन प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता होनी है। जबकि किसान कई किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर ट्रालियों में शंभू बॉर्डर पर पंजाब की ओर जमे हुए हैं। 13 फ़रवरी को पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों और किसानों के बीच हुई झड़प में दोनों तरफ़ से कई लोग घायल हुए हैं। हरियाणा की ओर तैनात अर्द्धसैनिक बलों की ओर से आंसू गैस के गोले गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।
इस प्रदर्शन से दूर रहीं किसान यूनियनों ने ज़रूरत से अधिक बल प्रयोग के लिए हरियाणा और केंद्र की सरकारों की निंदा की है। इन यूनियनों में पंजाब की संयुक्त किसान मोर्चा की यूनियनें, बीकेयू एकता उगरहां, बीकेयू (टिकैत) और नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी की हरियाणा की सबसे बड़ी किसान यूनियन शामिल है।