अकीदत और इबादत के साथ अल्लाह को राज़ी करवाने में गुजरी शब-ए-क़द्र, अपने बुजुर्गो की कब्रों पर मुस्लिमो ने पढ़ा फातिहा, रात भर चला इबादतों का दौर, गुलज़ार रही मस्जिदे
मिस्बाह बनारसी
वाराणसी: अकीदत के साथ शब-ए-क़द्र पर मुस्लिम समाज के लोगो ने पूरी रात इबादत में गुजारी। पुरे मुल्क में अमन-ओ-चैन के साथ शब-ए-क़द्र (शब-ए-बरात) गुज़र गई है। इस रात मुस्लिम समाज के लोगो ने परवरदिगार की रज़ा के खातिर पूरी रात इबादत, और नमाजो के साथ गुजारी। आज मुस्लिम समुदाय ने रोजा भी रखा है।
कल शाम होते ही कब्रिस्तानों में अपने बुजुर्गो के कब्र पर फातिहा पढ़कर अपने बुजुर्गो की मगफिरत के लिए रब की बारगाह में दुआ मागी। बादस नमाज़ मगरिब शुरू हुआ फातिहा का दौर पूरी रात चालू रहा। पूरी रात मस्जिदों में नफिल नमाज, कुरान पाक की लिताबत का दौर जारी रहा।
इस क्रम में मुस्लिम समाज के लोगो ने इबादत के दरमियान गुनाहों से माफी मांगी। पूरी रात महिलाओ ने भी घरों में इबादत किया। एक मुक़द्दस रात जो हज़ार रातो से बेहतर है, की रात मुस्लिम समाज ने अपने रब को राज़ी करने के लिए इबादतों में गुजारी। आज मुस्लिम समाज के महिलाओं, बुजर्गों व बच्चों द्वारा रोजा रखा गया है। मुसलमानों का रमजान शरीफ से 15 दिन पूर्व इस शब-ए-क़द्र के रात की बड़ी फ़ज़ीलत है।