अमेरिका से आए प्रवासी भारतीय डॉक्टर चतुर्वेदी की पहल पर पर्यावरण विशेषज्ञों का हुआ सम्मेलन, पर्यावरण संरक्षण के लिए जनसंख्या नियंत्रण और प्रकृति का अंधाधुंध दोहन रोके जाने की हुई मांग
अनुराग पाण्डेय
वाराणसी: अमेरिका के भौतिक शास्त्री डॉ उत्सव चतुर्वेदी ने नागरिकों का आव्हान किया कि वे देश और दुनिया के लगातार बर्बाद हो रहे पर्यावरण को बचाने के लिए जनसंख्या नियंत्रण और प्रकृति के अंधाधुंध दोहन को रोकने के अभियान में जुट जाएं।
डॉ चतुर्वेदी यहां सारनाथ गेस्ट हाउस में देश भर से आए पर्यावरण विशेषज्ञों , वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, और साहित्यकारों के सम्मेलन में बोल रहे थे। डॉ चतुर्वेदी पिछले तीन दशकों से अमेरिका में हैं।उनकी पत्नी श्रीमती अलका जी जीव विज्ञानी है। सम्मेलन में इसरो के वैज्ञानिक डॉ प्रदीप कुमार, पर्यावरणविद, डॉ प्रकाश सी.जे.साहित्यकार राकेश अचल विशेष रूप से उपस्थित थे।
पर्यावरण के मुद्दे पर केंद्रित इस सम्मेलन में सर्वश्री प्रो कैसी सूद,प्रो वायपी जोशी और प्रोफेसर विजय चतुर्वेदी. भी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए समाज को ‘वृक्षम शरणम् गच्छामि और वृक्षो रक्षित रक्षित: ‘ का संदेश दिया। डॉ चतुर्वेदी और राकेश अचल ने अपनी कविताओं के जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।इस मौके पर अतिथियों ने वृक्षारोपण भी किया। सम्मेलन में अन्न के दुरुपयोग को रोकने के तौर तरीकों पर भी विमर्श किया। सम्मेलन में डॉक्टर उत्सव चतुर्वेदी के शिक्षक,परिजन, सहपाठी और मित्र बड़ी संख्या में शामिल हुए।
सम्मेलन के सूत्रधार डॉ उत्सव चतुर्वेदी मूलतः जौनपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने बनारस विश्व विद्यालय से भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल की थी।वे अमेरिका में रहकर भी अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए पर्यावरण पर निरंतर कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ प्रकाश सीजे, डॉ वाईपी जोशी, डॉ वीके चतुर्वेदी, डॉ उत्सव कुमार चतुर्वेदी, डॉ अलका श्रीवास्तव, डॉ प्रदीप कुमार शामिल रहे