बरेली की निचली अदालत के जज रवि कुमार दिवाकर को अपने फैसले में ‘सीएम योगी की तारीफ करने और सांप्रदायिक दंगो के लिए मुस्लिमो को दोषी ठहराने’ पर हाई कोर्ट ने दिया नसीहते, हटाया उनके फैसले से उक्त बाते
एच0 भाटिया
डेस्क: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बरेली की एक निचली अदालत के जज द्वारा की गई उन विवादास्पद टिप्पणियों को फैसले से हटा दिया है, जिनमें उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आधुनिक समय का ‘दार्शनिक राजा’ बताया था और देश में सांप्रदायिक दंगों के लिए मुसलमानों को दोषी ठहराया था।
हाईकोर्ट ने कहा कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-फास्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर द्वारा 5 मार्च को की गई टिप्पणियां ‘राजनीतिक अतिशयोक्ति और व्यक्तिगत विचारों वाली अनुचित अभिव्यक्तियां’ थीं। उक्त टिप्पणियां जज ने 2010 के बरेली दंगों से संबंधित एक मामले में की थीं। हाई कोर्ट ने जमकर जज रवि दिवाकर को आड़े हाथो भी लिया और नसीहते भी दिया।
हाईकोर्ट ने आदेश में अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करने के लिए निचली अदालत के जज को आड़े हाथों लेते हुवे कहा कि न्यायिक आदेश पारित करते समय न्यायिक अधिकारी से यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वह मामले में अपने व्यक्तिगत झुकावों को व्यक्त करे। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने 5 मार्च के उक्त आदेश के पृष्ठ 6 के अंतिम पैराग्राफ से पृष्ठ 8 के मध्य भाग तक के हिस्से को हटा दिया।