डिजिटल मानक प्राधिकरण (NBDSA) ने इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा प्रसारित LGBTQIA+ समुदाय से सम्बधित कार्यक्रम को पाया भरक, जारी किये दिशानिर्देश और कहा ‘इसका उद्देश्य डर फैलाना था’

मिस्बाह बनारसी

डेस्क: समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण (NBDSA) ने व्यापक दिशानिर्देश जारी कर मीडिया प्लेटफार्मों से LGBTQIA+ समुदाय के बारे में सटीकता, निष्पक्षता और संवेदनशीलता के साथ जानकारी प्रसारित करने का आग्रह किया। यह कदम एक्टिविस्ट इंद्रजीत घोरपड़ द्वारा इंडिया टुडे द्वारा प्रसारित कार्यक्रम के संबंध में दर्ज की गई शिकायत के बाद उठाया गया।

उक्त कार्यक्रम का शीर्षक था- “संयुक्त राज्य अमेरिका की प्राइड परेड में नग्नता से आक्रोश – भारत के LGBTQIA+ कैसे जिम्मेदारी से नेतृत्व करते हैं”, जिसमें कथित तौर पर तथ्यात्मक अशुद्धियां थीं और इसका उद्देश्य डर फैलाना और LGBTQIA+ व्यक्तियों को अपमानित करना था। घोरपड़े की शिकायत में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कार्यक्रम ने संयुक्त राज्य अमेरिका में प्राइड परेड को नकारात्मक रूप से चित्रित किया और उन्हें भारत के साथ प्रतिकूल रूप से विपरीत किया।

चैनल से आपत्तिजनक टिप्पणियों को हटाने या वीडियो को पूरी तरह से हटाने के लिए कहते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाले NBDSA ने दिशानिर्देशों का सेट जारी किया। NBDSA ने कहा कि चूंकि LGBTQIA+ समुदाय पर रिपोर्टिंग के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं और मुद्दे की संवेदनशीलता का ध्यान रखने और ऐसे मुद्दों को प्रसारित करते समय निष्पक्षता लाने के लिए NBDSA के सदस्यों को दिशा निर्देश जारी किया है।

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