अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर लैंगिक विषय पर समझ बनाने के लिए आयोजित हुआ अनूठा आयोजन जेंडर मेला

मो0 सलीम

वाराणसी: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और सावित्री बाई फुले के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर एशियन ब्रिज इंडिया और ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान द्वारा साधिका संस्थान के सहयोग से कल्लीपुर अंबेडकर पार्क में जेंडर मेले का आयोजन किया गया। मेले का शुभारंभ बाबा साहब डाक्टर भीम राव अंबेडकर की मूर्ति पर अर्जुन सिंह महाविद्यालय से आई डाक्टर रेखा पटेल, दिल्ली से आई क्वियर टेन और एशियन ब्रिज इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मूसा आज़मी द्वारा माल्यार्पण कर किया गया। समस्त पुरूस्कार वितरण तारिक़ आज़मी द्वारा किया गया

जेंडर मेले में पुरषों और लडको के लिए तथा लड़कियों और महिलाओं के लिए अलग अलग प्रतियोगिता और रचनात्मक कार्यों के स्टॉल लगाए गए। लडको की प्रतियोगिता में कुकिंग, पोस्टर और रंगोली आदि गतिविधियां रहीं। लड़कियों की प्रतियोगिता में इलेक्ट्रानिक वर्क, हार्डवर्क और क्रिकेट आदि थे। साथ ही विशेष रूप से मान्यताओं से परे रचनात्मक कार्य में लड़कों और पुरुषों के लिए रोटी बनाना, चावल साफ करना, कपड़ा साफ करना, बर्तन साफ करना, काज बटन करना, काजल लगाना, स्वेटर बुनना और साड़ी पहनना आदि रखा गया।

साथ ही जेंडर आधारित हिंसा से जुड़े सवाल का सकारात्मक जवाब देना और सिलाई करना तथा मेंहदी लगाना आदि शामिल थे। छोटे बच्चों के लिए मिकी माउस जंपिंग हाउस जैसे मनोरंजक ऐक्टिविटी शामिल रहे, जिसमे छोटे बच्चों ने बहुत आनंद लिया। जेंडर मेले में अर्जुन सिंह महाविद्यालय, शिवचरण इंटर कॉलेज, सहोदरा नंदन इंटर कालेज और भारतीय निकेतन इंटर कालेज के लगभग 400 छात्र और छात्राओं ने भाग लिया वही कालीपुर, बेनीपुर, नागेपुर और गणेश पर ग्राम पंचायत से लगभग 600 की संख्या में किशोर, किशोरियों, महिला और युवा पुरषों ने सक्रियता से भाग लिया।

वाराणसी जनपद में अपनी तरह के पहले जेंडर मेले का आयोजन युवाओं के लिए कौतूहल और आकर्षण का विषय बना। लड़को को साड़ी पहनने और मेकअप करने की ऐक्टिविटी लैंगिक समझ झिझक को तोड़ने में सहायक बनी। लड़कियों को क्रिकेट खेलते देख कर बड़ी संख्या में महिलाओं ने क्रिकेट खेला और पुरस्कार भी जीता। इस कार्यक्रम के आयोजक और एशियन ब्रिज इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मूसा आज़मी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और सावित्री बाई फुले के परिनिर्वान दिवस के अवसर पर इस जेंडर मेले के आयोजन किया गया।

उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य समाज में महिला हिंसा को रोकने और जेंडर आधारित मान्यताओं तथा भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करना था। जिस तरह से इस मेले में लोगो की भीड़ है। यह अपने आप में इस मेले की कामयाबी ही नहीं बताता, बल्कि यह भी साबित कर रहा है कि हमारा समाज अब बदलाव की सकारात्मक सोच रहा है। साथ ही मोहम्मद मूसा आज़मी ने बताया कि 624 लोगो ने अलग अलग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और इस जेंडर मेले को सफल बनाया।

इस मेले को देखने और सफल बनाने में प्रसिद्ध गांधीवादी जागृति रही जी, दलित मानवाधिकार कार्यकर्ता अनूप श्रमिक भी आए और उन्होंने इस आयोजन के लिए सभी को बधाई दी साथ ही प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। मेले के अंत में मोहम्मद मूसा आज़मी ने सभी साथियों को उनके सक्रिय भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद दिया। इस जेंडर मेले को सफल बनाने में राम प्रकाश साहिल, सरिता, निति, अनुज, दीक्षा, शिवांगी, अश्वनी कुमार, अनन्या, शबनम, किरण, ज्योति, चेंज लीडर दीपक, करन, विजय, जगदीश, रवि, शांतनु, राहुल, सौरभ, प्रदीप और 30 की संख्या में स्वम सेवकों ने सक्रिय भूमिका निभाई और इस मेले को सफल बनाया।

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