ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में पूजा का अधिकार दिए जाने सम्बन्धित प्रकरण में हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दे मस्जिद कमेटी पहुची सुप्रीम कोर्ट, जाने कौन है एड0 इंद्रा जय सिंह जो रखेगी मस्जिद कमेटी का पक्ष
तारिक़ आज़मी
डेस्क: ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिन्दू पक्ष को पूजा का अधिकार दिए जाने के जिला जज के आदेश के मुखालिफ मस्जिद कमेटी ने आज सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल कर मामले में देश की सबसे बड़ी अदालत से गुहार लगाया है। यह याचिका मस्जिद कमेटी ने हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दाखिल किया है जिसमे हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका को ख़ारिज कर दिया था।
याचिका में मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को कई बिन्दुओ से अवगत करवाते हुवे उक्त पूजा के अधिकार का जिला जज द्वारा दिले आदेश को निरस्त करने की इल्तेजा किया गया है। याचिका ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इन्तेज़मियाँ मसजिद कमेटी के जानिब से उनके नियमित अधिवक्ताओं सहित वरिष्ठ अधिवक्ता इंद्रा जय सिंह के वकालतनामे के साथ दाखिल हुई है।
जाने कौन है इंद्रा जय सिंह
मुंबई में एक सिंधी परिवार में जन्मीं इंदिरा ने बैंगलोर विश्वविद्यालय से बीए और फिर 1962 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से एलएमएल की डिग्री हासिल की थी। इंदिरा जय सिंह सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और खासकर बड़े मामलों को लेकर हमेशा चर्चा में रहती हैं। वर्ष, 1986 में इंदिरा जयसिंह बॉम्बे हाई कोर्ट की पहली वरिष्ठ एडवोकेट बनी थीं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मानवाधिकार और महिला अधिकारों की लड़ाई के साथ की थी।
इसी कड़ी में दक्षिण के एक राज्य केरल की कुच महिलाओं को उनकी संपत्ति का अधिकार दिलवाया था। इसके साथ ही उन्होंने रूपन बजाज के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ी। रुपन वहीं महिला आइएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने वर्ष 1988 में पंजाब के तत्कालीन डीजीपी केपीएस गिल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। यह लड़ाई 17 सालों तक इंदिरा जयसिंह ने लड़ी और रुपन के हक में फैसला हुआ। इंदिरा को 2009 में देश की पहली महिला अतिरिक्त सॉलिसिटर बनने का सौभाग्य हासिल हुआ था।
वर्ष, 2018 में दुनिया की नामी मैगजीन में शुमार ‘फॉर्च्यून मैगजीन’ ने दुनिया के टॉप 50 नेताओं में भारत की मशहूर वकील इंदिरा जय सिंह को शामिल किया। बता दें कि ‘फॉर्च्यून मैगजीन’ पूरी दुनिया में चर्चित है और खूब पढ़ी जताई है। इंदिरा जय सिंह एक प्रतिष्ठित एनजीओ भी चलाती हैं और उसका नाम लॉयर्स कलेक्टिव है। पिछले दिनों यहां पर छापा भी पड़ा था, जिसमें उनके एनजीओ पर अनियिमतता के आरोप लगाए गए थे। लॉयर्स कलेक्टिव एनजीओ की स्थापना इंदिरा जय सिंह ने अपने पति आनंद ग्रोवर के साथ मिलकर वर्ष, 1981 में की थी। उनका यह एनजीओ महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ता है, इसमें कानूनी लड़ाई भी शामिल है।